भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर ने सितंबर में मजबूत रिकवरी दिखाई, और सभी सेगमेंट में बिक्री 5 से 10% तक बढ़ गई. यह जानकारी गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में सामने आई. रेटिंग एजेंसी आईसीआरए के अनुसार, इस बिक्री तेजी के पीछे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधार और त्योहारी सीजन की शुरुआत जैसे कारक हैं, जो FY26 के लिए इंडस्ट्री में सकारात्मक संकेत दे रहे हैं. इस अवधि में कमर्शियल वाहन सेगमेंट की बिक्री में सबसे तेज उछाल दर्ज किया गया, जहां थोक बिक्री सालाना आधार पर 11.9% बढ़ी.
दोपहिया वाहनों की बिक्री में सालाना आधार पर 6.5% का इजाफा
रिपोर्ट में बताया गया कि दोपहिया वाहनों की रिटेल बिक्री में सालाना आधार पर 6.5% का इजाफा दर्ज किया गया है. वाहनों की थोक बिक्री में सालाना आधार पर 6% की बढ़त दर्ज की गई है. आईसीआरए ने कहा कि जीएसटी में कटौती के बाद यात्री वाहनों की रिटेल बिक्री में सालाना आधार पर 5.8% का इजाफा हुआ है.
वहीं, थोक बिक्री में सालाना आधार पर 4.5% का इजाफा दर्ज किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, थोक बिक्री में मासिक आधार पर 15.7% की बिक्री हुई है. इसकी वजह मैन्युफैक्चरर की ओर से डीलरशीप को अधिक वाहनों का निर्यात करना है. हालांकि, इन्वेंट्री स्तर अभी भी उच्चतम स्तर पर बना हुआ है और यूटिलिटी वाहनों की मांग लगातार बनी हुई है.
त्योहारी सीजन की मांग इंडस्ट्री के विकास को प्रदान करेंगे गति
ICRA ने FY26 के लिए भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर के दृष्टिकोण को स्थिर से सकारात्मक रखा है. रेटिंग एजेंसी ने इस वित्तीय वर्ष में कमर्शियल वाहनों (सीवी) के लिए थोक बिक्री में 3-5%, दोपहिया वाहनों के लिए 6-9% और यात्री वाहनों के लिए 1-4% की मामूली वृद्धि का अनुमान लगाया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बेहतर अफोर्डेबिलिटी, नए मॉडलों की लॉन्चिंग, ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती मांग और लगातार चल रहे त्योहारी सीजन की मांग इंडस्ट्री के विकास को गति प्रदान करेंगे.