GST कटौती से सीमेंट कंपनियों को लाभ, FY26 में ऑपरेटिंग मुनाफा 100-150 रुपये प्रति टन पहुंचने की उम्मीद: ICRA रिपोर्ट

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, वस्तु एवं सेवा कर (GST) में कटौती का लाभ सीमेंट कंपनियों को सीधे तौर पर मिल सकता है. क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बदलाव से कंपनियों का ऑपरेटिंग प्रॉफिट प्रति टन 100 से 150 रुपये तक बढ़ सकता है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि GST में कमी के कारण ग्रामीण आवास निर्माण में कुल लागत में लगभग 0.8% से 1% तक की गिरावट आएगी. इससे न केवल निर्माण गतिविधियों में तेजी आएगी, बल्कि उद्योग की क्षमता विस्तार योजनाओं को भी बल मिलेगा.

FY26 में सीमेंट की औसत प्राप्ति में 3-5% की वृद्धि होने की उम्मीद

सीमेंट की अच्छी मांग के चलते, FY26 में सीमेंट की औसत प्राप्ति (जीएसटी को हटाकर एक्स-फैक्ट्री कीमत) में 3-5% की वृद्धि होने की उम्मीद है, जबकि इनपुट कीमतें सीमित दायरे में रहने की उम्मीद है. इसके अलावा, वित्त वर्ष 26 में ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले परिचालन लाभ (ओपीबीआईडीटीए) 12-18% बढ़कर 900-950 रुपए प्रति मीट्रिक टन होने की संभावना है. कुछ क्षेत्रों में मानसून के जल्दी आने के बावजूद, आवास और इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्रों से मजबूत मांग के कारण वित्त वर्ष 26 के 5 महीनों में सीमेंट की मात्रा में 8.5% की वृद्धि हुई.

वर्तमान में ₹350–₹360 प्रति बैग के बीच है सीमेंट की कीमत

चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में सीमेंट की कीमतों में सालाना आधार पर औसतन 7.4% की वृद्धि दर्ज की गई है. यह बढ़ोतरी विशेष रूप से उत्तर और पूर्वी भारत के क्षेत्रों में अधिक देखी गई है. रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में सरकार द्वारा सीमेंट पर GST दर को 28% से घटाकर 18% कर दिए जाने से उपभोक्ताओं को प्रत्यक्ष लाभ मिलने की संभावना है. वर्तमान में सीमेंट की औसत खुदरा कीमत ₹350–₹360 प्रति बैग के बीच है. नई दरों के अनुसार, ग्राहकों को प्रति बैग ₹26 से ₹28 तक की बचत हो सकती है.

बड़े सीमेंट उत्पादकों की क्रेडिट प्रोफाइल स्थिर रहने की उम्मीद

रिपोर्ट के मुताबिक, FY25 में, कमजोर प्राप्तियों (विशेषकर वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही के दौरान, मानसून के लंबे होने और आम चुनावों के बीच सरकारी पूंजीगत व्यय पर प्रभाव के कारण) के कारण ओपीबीआईडीटीए/एमटी में सालाना आधार पर 16% की गिरावट आई थी. कुल मिलाकर, बड़े सीमेंट उत्पादकों की क्रेडिट प्रोफाइल स्थिर रहने की उम्मीद है, जो परिचालन आय में अच्छी वृद्धि, परिचालन मार्जिन में अपेक्षित सुधार और सुविधाजनक लीवरेज मेट्रिक्स के कारण संभव है.

हाल के वर्षों में सीमेंट उद्योग में समेकन की प्रवृत्ति देखी गई है, जहां बड़ी कंपनियों ने बाज़ार में अपनी पकड़ को मजबूत किया है. मध्यम अवधि में इन बड़ी कंपनियों के प्रदर्शन के छोटे व मध्यम आकार की कंपनियों की तुलना में बेहतर रहने की उम्मीद जताई जा रही है. ICRA की कॉर्पोरेट रेटिंग्स की उपाध्यक्ष और सह-समूह प्रमुख, अनुपमा रेड्डी के मुताबिक, “आईसीआरए का अनुमान है कि मार्च 2026 तक भारत के कुल बिजली उत्पादन में हरित ऊर्जा (Green Energy) का योगदान 43% से 45% तक पहुंच सकता है, जबकि मार्च 2023 में यह आंकड़ा लगभग 35% था.”

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