United Nations: संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि चरमपंथी समूह अल-शबाब सोमालिया के साथ-साथ पड़ोसी देश केन्या के लिए भी अहम खतरा बन चुका है. संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने कहा है कि अल-शबाब सोमालिया और क्षेत्र में शांति तथा स्थिरता के लिए सबसे बड़ा तात्कालिक खतरा है. विशेषज्ञों ने बुधवार को जारी एक रिपोर्ट जारी किया है. सोमालिया से संचालित उपद्रवी आतंकवादी संगठन अल शबाब मुख्य रूप से हॉर्न ऑफ अफ़्रीका (पूर्वी अफ़्रीका) में सक्रिय है.
शबाब के विलय ने बढ़ा दी इसकी ताक़त
2012 में एक बहुराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन अल क़ायदा के साथ अल शबाब के विलय ने इसकी ताक़त बढ़ा दी है. अप्रैल 2020 में गठन के बीस साल पूरे करने के बाद भी इसके ख़ात्मे का कोई संकेत नहीं दिख रहा है. दक्षिणी और मध्य सोमालिया के इलाकों पर पकड़ मजबूत करने और टैक्स वसूली की अल शबाब की कोशिशों ने 2012 में बनी सोमालिया की संघीय सरकार (एफजीएस) के प्रभाव को कमज़ोर किया हैं.
अल-शबाब के अभियानों पर नहीं लग पा रहा है अंकुश
संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों का कहना है कि सोमालिया तथा अंतरराष्ट्रीय बलों के प्रयास के बावजूद अल-कायदा से जुड़े अल-शबाब के अभियानों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है. फिलहाल सोमालिया में जटिल और अचानक हमले करने की चरमपंथी समूह की क्षमता में कोई कमी नहीं आई है. उन्होंने कहा कि खतरा न केवल अल-शबाब की हमला करने की क्षमता से है बल्कि उसके जबरन वसूली अभियानों, जबरन भर्ती और प्रभावी प्रचार तंत्र से भी खतरा है.
18 मार्च को राष्ट्रपति की हत्या का प्रयास
इस चरमपंथी संगठन ने राजधानी मोगादिशु में 18 मार्च को राष्ट्रपति की हत्या का प्रयास किया था. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मंगलवार को सर्वसम्मति से सोमालिया में अफ्रीकी संघ के सहयोग और स्थिरीकरण बल के लिए प्राधिकार को 31 दिसंबरए 2026 तक बढ़ाने के वास्ते मतदान किया. इस बल में 680 पुलिसकर्मियों सहित 11,826 वर्दीधारी कर्मी शामिल हैं. विशेषज्ञों ने कहा कि अल-शबाब का लक्ष्य सोमालिया की सरकार को हटाना, देश से विदेशी बलों को भगाना और पूर्वी अफ्रीका के सभी जातीय सोमालियों को सख्त इस्लामी शासन के तहत एकजुट एक ग्रेटर सोमालिया की स्थापना करना है.
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