2025 की पहली तिमाही में चीन की अर्थव्यवस्था ने की मजबूत शुरुआत

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
2025 की पहली तिमाही में चीन की अर्थव्यवस्था ने मजबूत शुरुआत की है. दुनियाभर में चल रही उथल-पुथल, अमेरिका के साथ व्यापार तनाव और वैश्विक मंदी की आशंकाओं के बावजूद चीन की वृद्धि उम्मीद से बेहतर रही. नवीनतम सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी से मार्च के बीच चीन की GDP में 5.4 की वृद्धि हुई है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है.
इस तिमाही में चीन की GDP 31.875 ट्रिलियन युआन थी, जो लगभग 4.3 ट्रिलियन डॉलर के बराबर है. इस वृद्धि के पीछे कई सकारात्मक कारक रहे हैं, जिनमें लोगों की बढ़ती क्रय शक्ति, मजबूत कृषि उत्पादन, उच्च तकनीक विनिर्माण, बेहतर रोजगार और बाजार का भरोसा शामिल है. त्योहारी सीजन में लोगों ने खूब खर्च किया, जिससे सेवा क्षेत्र को भी बढ़ावा मिला. मार्च में औद्योगिक उत्पादन में 7.7 और पूरी तिमाही में 6.5 की वृद्धि दर्ज की गई.
वहीं, उच्च तकनीक और उन्नत विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में भी मजबूत वृद्धि दर्ज की गई. चीनी सरकार पारंपरिक उद्योगों को आधुनिक तकनीक से उन्नत करने का लगातार प्रयास कर रही है. नई गुणवत्ता वाली उत्पादक शक्तियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, चीन अपने विनिर्माण आधार को विज्ञान और नवाचार से जोड़ रहा है. डीपसीक एआई जैसे उदाहरण बताते हैं कि कैसे स्टार्टअप और नवीन तकनीक को अपनाने से देश की अर्थव्यवस्था को नई गति मिल रही है.
तकनीक ने न केवल विनिर्माण बल्कि कृषि में भी अपना जादू दिखाया है. पहली तिमाही में फसल उत्पादन में 4 की वृद्धि हुई. शहरों में बेरोजगारी दर भी फरवरी के 5.4 से घटकर मार्च में 5.2 हो गई. वहीं, खुदरा बिक्री यानी उपभोक्ता वस्तुओं की बिक्री में भी 4.6 की वृद्धि हुई, जो साफ तौर पर दर्शाता है कि लोग खरीदारी करने से नहीं हिचकिचा रहे हैं. विदेशी व्यापार की बात करें तो चीन का कुल व्यापार 1.3 बढ़कर 10.3 ट्रिलियन युआन हो गया.
मुख्य रूप से आसियान और बीआरआई देशों के साथ व्यापार संबंधों ने चीन की वृद्धि का समर्थन किया है. आसियान के साथ व्यापार में 7.1 की वृद्धि हुई और बीआरआई देशों का योगदान चीन के कुल विदेशी व्यापार में 51.1 रहा. चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की वियतनाम, मलेशिया और कंबोडिया की हालिया यात्राओं ने भी व्यापार संबंधों को नई ऊर्जा दी है. चीनी सरकार ने विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए 2025 के लिए एक विशेष योजना भी शुरू की है, जिसमें विदेशों से अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए 20 ठोस कदम शामिल हैं.
भले ही संरक्षणवाद, भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी दबाव जैसी अंतरराष्ट्रीय चुनौतियां बनी हुई हैं, लेकिन चीन की अर्थव्यवस्था में लचीलापन दिख रहा है. नीति निर्माता इस साल के विकास लक्ष्य को हासिल करने के लिए सक्रिय मोड में हैं और बाजार के अनुकूल निर्णय ले रहे हैं. हालांकि, आगे का रास्ता बिल्कुल आसान नहीं है. ग्लोबल अनिश्चितता और अंदरूनी चुनौतियों से निपटने के लिए चीन को लगातार स्मार्ट फैसले लेने होंगे. लेकिन, जो रफ्तार अब तक दिखी है, वो बताती है कि चीन फिलहाल अपने आर्थिक मिशन में सही ट्रैक पर है.
–आईएएनएस
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