FY25-26 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में देश का चालू खाता घाटा घटकर 12.3 अरब डॉलर या GDP का 1.3% हो गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 20.8 अरब डॉलर या GDP का 2.2% था. यह जानकारी सोमवार को RBI ने जारी की. इसी दौरान वस्तु व्यापार घाटा 87.4 अरब डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही में 88.5 अरब डॉलर था. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में शुद्ध सेवा प्राप्तियां 50.9 अरब डॉलर रही, जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह 44.5 अरब डॉलर थी.
आरबीआई ने बताया कि कम्प्यूटर सेवाओं और अन्य व्यावसायिक सेवाओं के निर्यात में वृद्धि होने से सेवाओं का निर्यात सालाना आधार पर बढ़ा है. वहीं, द्वितीयक आय खाते के अंतर्गत व्यक्तिगत हस्तांतरण प्राप्तियां, जो मुख्य रूप से विदेशों में काम कर रहे भारतीयों द्वारा भेजे जाने वाले रेमिटेंस को दर्शाती हैं, तिमाही में बढ़कर 38.2 अरब डॉलर हो गईं, जबकि एक साल पहले यह 34.4 अरब डॉलर थीं. आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई-सितंबर तिमाही में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सालाना आधार पर बढ़कर 2.9 अरब डॉलर हो गया है, जबकि FY25 की सितंबर में यह आंकड़ा -2.8 अरब डॉलर था.
वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की ओर से 5.7 अरब डॉलर की निकासी की गई है. वहीं, पिछले वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में एफपीआई ने 9.9 अरब डॉलर का शुद्ध निवेश किया था. FY25-26 की दूसरी तिमाही में अनिवासी भारतीयों (NRI) के जमा खाते में 2.5 अरब डॉलर का शुद्ध प्रवाह दर्ज किया गया, जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह 6.2 अरब डॉलर था. केंद्रीय बैंक ने बताया कि इसी तिमाही में विदेशी मुद्रा भंडार में 10.9 अरब डॉलर की कमी हुई, जबकि पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में यह भंडार 18.6 अरब डॉलर बढ़ा था.