DPDP नियम, 2025 भारत के डिजिटल इकोसिस्टम को बनाएंगे मजबूत: Industry Experts

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

इंडस्ट्री विशेषज्ञों ने शनिवार को केंद्र सरकार द्वारा डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (DPDP) नियम, 2025 को अधिसूचित करने के कदम का स्वागत किया. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि अब संगठनों को पर्सनल डेटा इकट्ठा करने से पहले उपयोगकर्ताओं को एक सहमति नोटिस के माध्यम से बताना होगा कि डेटा क्यों इकट्ठा किया जा रहा है और इसे किस उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जाएगा् साथ ही, संगठनों के लिए पर्सनल डेटा के उपयोग के लिए विशिष्ट उद्देश्य की जानकारी देना अनिवार्य होगा.

प्राइवेसी के एक नए युग में प्रवेश कर चुका है भारत

विप्रो की चीफ प्राइवेसी और एआई गवर्नेंस ऑफिसर इवाना बार्टोलेटी ने कहा, इस बात में कोई संशय नहीं है कि भारत प्राइवेसी के एक नए युग में प्रवेश कर चुका है. एआई के इस युग में विश्वास बेहद महत्वपूर्ण है। एआई क्योंकि डेटा के एक बड़ी मात्रा पर निर्भर करता है इसलिए मजबूत प्राइवेसी प्रोटेक्शन सबसे पहले आना चाहिए। सरकार की ओर से उठाया गया यह कदम भारत के डिजिटल इकोसिस्टम को मजबूत बनाने में बेहद महत्वपूर्ण है. साथ ही, सरकार का यह कदम भारत के हाल ही के एआई गवर्नेंस गाइडलाइन्स से भी जुड़ा है.

मजबूत डेटा गवर्नेंस के साथ आते है नए नियम

उन्होंने आगे कहा कि नए नियम मजबूत डेटा गवर्नेंस के साथ आते हैं, जो कि जिम्मेदारियों को साफ शब्दों में बयां करते हैं और स्ट्रक्चर, सहमति और प्राइवेसी को परिभाषित करते हैं. इन नियमों के साथ संगठनों को सस्टेनेबल और अकाउंटेबल बनने के साथ आगे बढ़ने में मदद मिलेगी. ट्राइलीगल में टीएमटी-पार्टनर निखिल नरेंद्रन ने कहा, नियमों और अधिनियम की सूचना के साथ सरकार ने अनिश्चितताओं को दूर कर दिया है.

ट्रेनिंग प्रोग्राम के साथ काम की करें शुरुआत

उन्होंने आगे कहा, भारतीय कंपनियों के पास अब अब पूर्ण अनुपालन के लिए 18 महीनों का समय है. अधिकतर संगठनों के लिए यह बेहद जरूरी होने वाला है कि वे डेटा मैपिंग, सहमति और नोटिस फ्लो रिडिजाइन, ट्रेनिंग प्रोग्राम के साथ काम की शुरुआत करें. इस काम के लिए इन संगठनों को वकीलों, टेक्नोलॉजिस्ट और प्राइवेसी प्रोफेशनल्स की मदद की जरूरत होगी. हालांकि, अभी नए डेटा प्रोटेक्शन ऑथोरिटी के गठन पर फिलहाल रियल फोकस होगा. यह देखना होगा कि ऑथोरिटी इन नियमों की व्याख्या किस प्रकार करती है.

DPDPA के तहत अनुपालन चेकलिस्ट नहीं

ग्रांट थॉर्नटन भारत के पार्टनर और चीफ रेवेन्यू ऑफिसर जसप्रीत सिंह ने कहा कि डीपीडीपीए नियम 2025 भारत के पॉलिसी इंटेंट से ऑपरेशनल अकाउंटिबिलिटी और प्राइवेसी में बदलाव को दिखाते हैं. सिंह ने आगे कहा, डीपीडीपीए के तहत अनुपालन चेकलिस्ट नहीं है, बल्कि यह तो एक ट्रस्ट का कल्चर है, जिसे अब हर कंपनी को संस्थागत बनाना होगा.

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