FY47-48 तक भारत की अर्थव्यवस्था 26 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद: Report

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

यदि भारत की अर्थव्यवस्था आने वाले वर्षों में औसतन 6% की दर से वृद्धि करती रही, तो वित्त वर्ष 2047-48 तक देश की जीडीपी 26 ट्रिलियन डॉलर के स्तर तक पहुंच सकती है. इसी अवधि में प्रति व्यक्ति आय के लगभग 15,000 डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है, जो मौजूदा स्तर से करीब छह गुना अधिक होगा. यह आकलन ईवाई की एक रिपोर्ट में किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत 2030 तक जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर सकता है.

आर्थिक उदारीकरण से भारत की वैश्विक स्थिति मजबूत

भारत ने विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में महत्वपूर्ण मुकाम हासिल कर लिया है, जो मुख्य रूप से इसकी आर्थिक उदारीकरण नीतियों के कारण संभव हुआ है. इन नीतियों ने भारत को अधिक बाजार-केंद्रित बनाया, निजी पूंजी की भूमिका को बढ़ाया और इस प्रक्रिया ने देश की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को भी मजबूत किया. आगामी दशकों में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास संभावनाएं अन्य सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में सबसे मजबूत मानी जा रही हैं.

सेवा निर्यात में आईटी और बीपीओ का बड़ा योगदान

भारत का सेवा निर्यात पहले से ही मजबूत स्थिति में रहा है और पिछले दो दशकों में इसमें करीब 14% की वृद्धि दर्ज की गई है. FY21-22 में सेवा निर्यात बढ़कर 254.5 अरब डॉलर तक पहुंच गया. इसमें सबसे बड़ा योगदान सूचना प्रौद्योगिकी और बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (बीपीओ) सेवाओं का रहा, जिनका निर्यात मूल्य 2021-22 में 157 अरब डॉलर रहा. यह विस्तार भारतीय मुख्यालय वाली कंपनियों के साथ-साथ वैश्विक IT कंपनियों की बढ़ती गतिविधियों के चलते संभव हुआ है.

ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स और डिजिटल अर्थव्यवस्था की तेज रफ्तार

इसके अलावा, अन्य ग्लोबल कॉरपोरेट्स भारत में स्थित अपने क्षमता केंद्रों के माध्यम से भारतीय प्रतिभा का लाभ उठा रहे हैं, जिनमें 50 लाख से अधिक लोग कार्यरत हैं. लागत लाभ के रूप में शुरू हुआ यह प्रयास अब उच्च गुणवत्ता वाली प्रतिभा और अत्याधुनिक इनोवेशन का एक प्रमुख स्रोत बन गया है. भारत में स्थापित लगभग 1,500 वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) दुनिया भर के कुल जीसीसी का करीब 45% हिस्सा हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2014 से 2019 के बीच अमेरिकी डॉलर के आधार पर डिजिटल अर्थव्यवस्था में 15.6% की वृद्धि दर्ज की गई, जो इसी अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था की कुल वृद्धि दर से लगभग 2.4 गुना अधिक रही.

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