एनएसडीएल के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजारों में मजबूत वापसी की है. यह कदम पिछले तीन महीनों की लगातार बिकवाली के बाद एक अहम परिवर्तन दर्शाता है. एफपीआई निवेश के मामले में फ्रांस सबसे आगे रहा, जिसने भारतीय शेयरों में 2.58 अरब डॉलर और डेट इंस्ट्रूमेंट्स में 152 मिलियन डॉलर का निवेश इंस्ट्रूमेंट में किया.
एफपीआई की ओर से संयुक्त रूप से भाारतीय शेयरों में बीते महीने 1.66 अरब डॉलर का निवेश किया गया है. जबकि इससे पहले सितंबर में एफपीआई की ओर से 2.7 अरब डॉलर की बिकवाली दर्ज की गई थी. फ्रांस के अलावा, अमेरिका और जर्मनी भी भारतीय शेयरों में निवेश करने को लेकर आगे रहे हैं. दोनों ही देशों में प्रत्येक ने भारतीय शेयरों में 520 मिलियन डॉलर का निवेश किया है.
इसके अलावा, अमेरिका की ओर से डेट इंस्ट्रूमेंट में 765 मिलियन डॉलर और जर्मनी की ओर से 309 मिलियन डॉलर का निवेश दर्ज किया गया है. कुछ और देशों का भारतीय शेयर बाजारों की ओर सकारात्मक रुख दर्ज किया गया. आयरलैंड ने 400 मिलियन डॉलर इक्विटी में और 138 मिलियन डॉलर का निवेश डेट इंस्ट्रूमेंट में किया. मलेशिया ने भारतीय इक्विटी में 342 मिलियन डॉलर और डेट इंस्ट्रूमेंट्स में 68 मिलियन डॉलर का निवेश किया.
वहीं, हांगकांग ने भारतीय इक्विटी में 177 मिलियन डॉलर का निवेश किया। इसके अलावा, डेनमार्क और नॉर्वे ने भारतीय इक्विटी में लगभग 100 मिलियन डॉलर का निवेश किया. मजबूत कॉर्पोरेट अर्निंग, यूएस फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती और भारत-अमेरिका के बीच संभावित व्यापार वार्ता जैसे कारकों के चलते एफपीआई की खरीदारी बढ़ी.
हालांकि, सिंगापुर ने इस महीने इक्विटी से 98 मिलियन डॉलर की बिकवाली की, लेकिन डेट मार्केट में 260 मिलियन डॉलर का निवेश किया, जिससे उसकी नेट पॉजिशन सकारात्मक रही. इसके अलावा, अन्य देशों ने कुल मिलाकर 3 अरब डॉलर की बिकवाली की। विदेशी निवेशकों की वापसी के साथ अक्टूबर में भारतीय बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने लगभग 4.5% की बढ़त दर्ज की.