बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों और अगले साल अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं के बीच, हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को सोने और चांदी की कीमतें अपने नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं. एमसीएक्स पर फरवरी डिलीवरी वाले सोने का वायदा भाव 0.72 प्रतिशत से बढ़कर 1,39,286 रुपए प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया, जबकि एमसीएक्स सिल्वर मार्च वायदा 4 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 2,33,183 रुपए प्रति किलोग्राम के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. यह दोनों कीमती धातुओं में अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है.
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अंतरराष्ट्रीय बाजार में रिकॉर्ड बढ़त
खबर लिखे जाने तक सोना जहां 1,123 रुपए यानी 0.81 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,39,220 रुपए प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहे थे, वहीं चांदी 9,210 रुपए यानी 4.12 प्रतिशत की उछाल के साथ 2,33,000 रुपए प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रहे थे. सोने की कीमतों में यह तेजी मुख्य रूप से अमेरिका और वेनेजुएला के बीच बढ़ते तनावों के कारण आई है. अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी सोने की कीमतें बढ़ी हैं, और स्पॉट गोल्ड 0.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 4,501.44 डॉलर प्रति औंस पर पहुँच गया. इससे पहले सोने की कीमत 4,530.60 डॉलर प्रति औंस तक जा चुकी थी.
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2026 में ब्याज दर कटौती की उम्मीद
व्यापारी उम्मीद कर रहे हैं कि 2026 में अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दर में दो बार 0.25% की कटौती करेगा, क्योंकि महंगाई में कमी आ रही है और श्रम बाजार की स्थिति नरम हो रही है. इसके साथ ही बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों के कारण सुरक्षित निवेश की मांग में भी बढ़ोतरी हुई है. अमेरिका और वेनेजुएला के बीच बढ़ते तनाव, रूस-यूक्रेन युद्ध और नाइजीरिया में आईएसआईएस के खिलाफ अमेरिकी सेना की कार्रवाई ने भू-राजनीतिक दबाव और बढ़ा दिया है. इस महीने अमेरिकी कोस्ट गार्ड ने वेनेजुएला के कच्चे तेल से भरे एक सुपरटैंकर को जब्त किया और वेनेजुएला से जुड़े दो अन्य जहाजों को इंटरसेप्ट करने की कोशिश की, जिससे तनाव और अधिक बढ़ गया.
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केंद्रीय बैंक और ETF निवेश से मिला समर्थन
मेहता इक्विटी लिमिटेड के कमोडिटी उपाध्यक्ष राहुल कालंत्री ने कहा कि केंद्रीय बैंकों द्वारा खरीदी और लगातार ईटीएफ में पूंजी प्रवाह सोने की कीमतों को समर्थन दे रहे हैं. सोने में 1,36,550 से 1,35,710 रुपए के बीच सपोर्ट है, जबकि 1,38,850 से 1,39,670 रुपए के बीच रेजिस्टेंस है. वहीं सिल्वर में 2,22,150 से 2,20,780 रुपए के बीच सपोर्ट तो 2,25,810 से 2,26,970 रुपए के बीच रेजिस्टेंस है. विशेषज्ञों के अनुसार, केंद्रीय बैंकों की सक्रिय खरीदारी, अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद, अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव की चिंताएं, बढ़ता भू-राजनीतिक तनाव और गोल्ड व सिल्वर ईटीएफ में मजबूत निवेश ने इस साल सोने और चांदी की कीमतों को बढ़ावा दिया है.
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