सितंबर में खुदरा महंगाई दर घटकर 1.54% पर पहुंच गई है, जो जून 2017 के बाद का सबसे निचला सतर है. यह आंकड़े सरकार द्वारा जारी किए गए ताजा डेटा में सामने आए हैं. अगस्त की तुलना में सितंबर में खुदरा महंगाई में 0.53% की गिरावट दर्ज की गई है. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अनुसार, सितंबर में खाद्य महंगाई दर -2.28% रही, जो दर्शाता है कि खाने-पीने की चीजों की कीमतों में गिरावट आई है. ग्रामीण इलाकों में खाद्य महंगाई दर -2.17% और शहरी इलाकों में खाद्य महंगाई दर -2.47% रही है. खाद्य महंगाई दर अगस्त में 0.64% थी.
जीएसटी सुधार को माना जा रहा महंगाई दर में कमी की वजह
महंगाई दर में कमी की वजह जीएसटी सुधार को माना जा रहा है, जिससे देश में दैनिक उपभोग से लेकर गाड़ियों तक की कीमतों में कमी देखी गई है. सरकार की ओर से बताया गया कि सितंबर में आवासीय मुद्रास्फीति 3.98% रही है, जो कि अगस्त में 3.09% थी. शिक्षा मुद्रास्फीति की दर सितंबर में 3.44% रही है, जो कि अगस्त 2025 में 3.60% थी. परिवहन और संचार में मुद्रास्फीति दर सितंबर 2025 में कम होकर 1.82% हो गई है, जो कि अगस्त 2025 में 1.94% थी. ईंधन और ऊर्जा में खुदरा मुद्रास्फीति दर सितंबर में 1.98% रही है, जो कि अगस्त में 2.32% थी.
चौथी तिमाही के लिए 4% पर रखा गया है अनुमान
इस महीने की शुरुआत में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में लिए गए फैसलों की घोषणा करते हुए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने FY25-26 के लिए खुदरा महंगाई दर (CPI) के अनुमान को घटा दिया. अगस्त एमपीसी में यह अनुमान 3.1% था, जिसे अब घटाकर 2.6% कर दिया गया है. चालू वित्त वर्ष की दूसरी और तीसरी तिमाही के लिए महंगाई दर अनुमान को 2.1% और 3.1% से घटाकर 1.8% किया गया है, जबकि चौथी तिमाही के लिए अनुमान 4% पर रखा गया है. आरबीआई ने आगे संकेत दिया है कि वित्त वर्ष 2026-27 की पहली तिमाही में महंगाई दर 4.5% रह सकती है.