GST Rate Revision: सरकार के आर्थिक सुधारों के तहत 22 सितंबर से लागू किए गए जीएसटी दरों में संशोधन के परिणामस्वरूप राज्यों के राजस्व में 5% की वृद्धि दर्ज की गई है. यह उन्नति चालू वित्त वर्ष 2025-26 की सितंबर से नवंबर तक की अवधि में देखी गई, जब राज्यों को मिलने वाली एसजीएसटी और आईजीएसटी में बढ़ोतरी हुई.केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में बताया कि इस अवधि में राज्यों को कुल 2,59,202 करोड़ रुपए के राजस्व प्राप्त हुआ, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 2,46,197 करोड़ रुपए था.
उन्होंने कहा कि जीएसटी दरें जीएसटी काउंसिल की सिफारिशों पर तय की जाती हैं, जो कि एक संवैधानिक संस्था है. इसमें राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र सरकार के सदस्य होते हैं. 3 सितंबर 2025 को आयोजित जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में जीएसटी दरों के संशोधन और कर संरचना को सरल बनाने की सिफारिश की गई थी, जिसे केंद्रीय सरकार ने 22 सितंबर 2025 से लागू किया.
पंकज चौधरी ने बताया कि जीएसटी दरों में हाल ही में किया गया बदलाव और व्यापार करने में आसानी पर सरकार का निरंतर जोर आर्थिक खपत को बढ़ावा देने के लिए सरकार की बहुआयामी रणनीति का हिस्सा है. खपत की मांग में मजबूती से जीएसटी राजस्व पर सकारात्मक असर पड़ने की उम्मीद है. 22 सितंबर 2025 से लागू हुई नई जीएसटी दरों का असर अक्टूबर और नवंबर 2025 में देखने को मिला, जब कुल जीएसटी संग्रह में पिछले वर्ष की तुलना में 4.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.
उपकर और अधिभार से प्राप्त होने वाला राजस्व भारत के समेकित निधि (कंसोलिडेटेड फंड) का हिस्सा बनता है, जिसे विभिन्न केंद्रीय योजनाओं और पहलों के माध्यम से राज्यों में विकास और कल्याणकारी परियोजनाओं के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने में इस्तेमाल किया जाता है. मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि अब कुछ वस्तुओं जैसे पेंसिल, पेंसिल शार्पनर, रबर, अभ्यास किताबें, ग्राफ किताबें, प्रयोगशाला नोटबुक्स और सामान्य नोटबुक्स पर जीएसटी दर शून्य कर दी गई है.