GP Hinduja Funeral: हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन और भारत के प्रमुख उद्योगपतियों में से एक, गोपीचंद परमानंद हिंदुजा का पिछले दिनों लंदन में निधन हो गया. उनकी उम्र 85 वर्ष थी. उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार, 7 नवंबर को लंदन में किया जाएगा, जिसमें वैश्विक कारोबारी जगत की कई नामी हस्तियां शामिल होंगी. गोपीचंद हिंदुजा ब्रिटेन के सबसे संपन्न परिवार के मुखिया के रूप में जाने जाते थे, लोग उन्हें प्यार से ‘जीपी’ कहा करते थे.
CMD उपेंद्र राय ने शोक जताया
भारत एक्सप्रेस के सीएमडी एवं चेयरमैन उपेंद्र राय की उनसे मित्रता थी. उनके निधन पर सीएमडी उपेंद्र राय ने गहरा शोक व्यक्त किया. उन्होंने उनका जिक्र एक पिता-भाई और मित्र के रूप में किया. साथ ही उपेंद्र राय ने अपनी लंदन यात्राओं के दौरान ‘जीपी’ से हुई मुलाकातों की यादें साझा कीं.

कल लंदन में यहां होगी अंत्येष्टि
सोशल मीडिया पर अनेक उद्योगपति, राजनेता और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गोपीचंद परमानंद हिंदुजा को भावुक श्रद्धांजलियां दीं. अब ब्रिटेन की राजधानी लंदन में 7 नवंबर की सुबह 9 बजे चिल्टर्न्स क्रीमेटोरियम (व्हील्डन लेन, एमर्शम, एचपी7 0एनडी) में उनका अंतिम संस्कार होगा. उसके बाद दोपहर 4 बजे रैफल्स लंदन (ओवो बॉलरूम, 57 व्हाइटहॉल, एसडब्ल्यू1ए 2बीएक्स) में स्मृति बैठक रखी गई है.
ईरान से हुई शुरूआत, अब दुनियाभर में कारोबार
गोपीचंद हिंदुजा का जन्म 29 जनवरी 1941 को मुंबई में एक धनी सिंधी व्यापारी परिवार में हुआ था. उनके पिता, परमानंद दीपचंद हिंदुजा ने 1914 में ईरान में व्यापार की शुरुआत की थी. जय हिंद कॉलेज से 1959 में स्नातक करने के बाद गोपीचंद ने पारिवारिक कारोबार को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. 1979 में ईरानी क्रांति के बाद हिंदुजा परिवार लंदन चला गया, जहां से उन्होंने अपने समूह को 38 देशों में विस्तार दिया. आज हिंदुजा ग्रुप ऑटोमोबाइल (अशोक लेलैंड), बैंकिंग (इंडसइंड बैंक), तेल (गल्फ ऑयल), आईटी, हेल्थकेयर, रियल एस्टेट और मीडिया जैसे कई क्षेत्रों में सक्रिय है और इसमें 2 लाख से अधिक लोग कार्यरत हैं.
ब्रिटेन में सबसे अमीर शख्सियत थे जीपी हिंदुजा
2025 की संडे टाइम्स रिच लिस्ट में हिंदुजा परिवार की संपत्ति 35.3 अरब पौंड आंकी गई, जो उन्हें ब्रिटेन का सबसे धनी परिवार बनाती है. भारत में वे तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति थे. अपने बड़े भाई श्रीचंद हिंदुजा के 2023 में निधन होने के बाद गोपीचंद ही हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन बने थे. उनके नेतृत्व में ग्रुप ने Ai, डिजिटल तकनीक और सस्टेनेबल एनर्जी पर फोकस किया. दान-दक्षिणा के लिए प्रसिद्ध, हिंदुजा फाउंडेशन ने शिक्षा-स्वास्थ्य में करोड़ों खर्च किए. 2006 में पद्म भूषण से सम्मानित गोपीचंद सनातन धर्म के प्रबल समर्थक थे. वे कहते थे, “व्यापार से बड़ा है मानवीय मूल्य.” 2001 में ब्रिटिश पासपोर्ट विवाद में फंसे, लेकिन 2005 में बरी हो गए.
शोकाकुल GP हिंदुजा परिवार का संदेश
हिंदुजा परिवार ने एक बयान जारी कर कहा, “गोपीचंद परमानंद हिंदुजा का स्वर्गवास हो गया है. वे महान शख्सियत थे. उनका हास्य, उदारता और नेतृत्व अविस्मरणीय है. उन्होंने भारत-यूके संबंध मजबूत किए. हिंदुजा ग्रुप ने उनके नेतृत्व में नई ऊंचाइयां छुईं. उनकी विरासत—भारतीय महत्वाकांक्षा का वैश्विक स्वरूप—हमेशा चमकता रहेगा.” परिवार में उनकी पत्नी सुनीता, बेटे संजय व धीरज, बेटी रीता शोकाकुल हैं. भाई प्रकाश (मोनाको) और अशोक (मुंबई) अब उनका ग्रुप संभालेंगे.