केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मंगलवार को कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में देश में चार नई सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी दी गई. इन परियोजनाओं के लिए कुल 4,594 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ये परियोजनाएं ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश में शुरू की जाएंगी. इस पहल से 2,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है. इस नई मंजूरी के बाद भारत में कुल सेमीकंडक्टर यूनिट की संख्या बढ़कर 10 हो गई है.
अंतरिक्ष उपकरणों, उपग्रहों, रॉकेट और रेल इंजनों में उपयोग होगी चिप्स
केंद्रीय कैबिनेट ने भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत चार नई सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है. इन परियोजनाओं के तहत ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश में यूनिट्स स्थापित की जाएंगी. विशेष रूप से, ओडिशा के भुवनेश्वर में स्थापित होने वाली सेमीकंडक्टर यूनिट में सिलिकॉन कार्बाइड सेमीकंडक्टर का निर्माण किया जाएगा. यहां तैयार होने वाले चिप्स का इस्तेमाल रक्षा उपकरणों, अंतरिक्ष उपकरणों, उपग्रहों, रॉकेट और रेल इंजनों में किया जाएगा. साथ ही, ओडिशा में 3D ग्लास आधारित दूसरी यूनिट भी स्थापित की जा रही है, जिसका उपयोग एयरोस्पेस, रडार, रक्षा और वायरलेस तकनीक में किया जाएगा.
2 हजार से ज्यादा लोगों को मिलेगा रोजगार
सेमीकंडक्टर उपकरणों के निर्माण के लिए पंजाब के मोहाली में एक नई यूनिट स्थापित की जा रही है. इसके साथ ही आंध्र प्रदेश में भी उन्नत तकनीक वाला एक संयंत्र विकसित किया जाएगा. इन संयंत्रों की कुल उत्पादन क्षमता प्रति वर्ष 96 मिलियन चिप्स बनाने की होगी. इन परियोजनाओं पर लगभग 4,594 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा और इसके माध्यम से 2,034 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है.
6 राज्यों में लगभग 1.60 लाख करोड़ रुपये का हुआ निवेश
यह परियोजना इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग ईकोसिस्टम को बढ़ावा देगी. इस योजना की वजह कई अप्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा होंगे. देश में अब आईएसएम के तहत कुल 10 स्वीकृत परियोजनाएँ हैं. पूर्व की परियोजनाओं के तहत 6 राज्यों में लगभग 1.60 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है.