भारत का कैपिटल मार्केट बन सकता है घरेलू बचत का बड़ा केंद्र: सेबी चीफ

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
भारत का कैपिटल मार्केट जल्द घरेलू बचत के लिए फेवरेट डेस्टिनेशन बन सकता है और इससे देश को अपनी आर्थिक गति बनाए रखने में भी मदद मिलेगी. उक्‍त बातें भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन तुहीन कांत पांडे ने सोमवार को कही. सेबी चीफ ने देश की आर्थिक राजधानी में आयोजित CII नेशनल फाइनेंसिंग समिट में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कम आधार के कारण भारत का यूनिक इन्वेस्टर बेस अगले तीन से पांच वर्षों में दोगुना हो सकता है.
उन्होंने आगे कहा, यह पहले ही एक बड़े माइलस्टोन तक पहुंच चुका है. अब घरेलू निवेशकों (आम नागरिक और संस्थागत निवेश) के पास विदेशी निवेशकों के मुकाबले लिस्टेड कंपनियों में अधिक हिस्सेदारी मौजूद है. यह बाजार पर निवेशकों को बढ़ते विश्वास को दिखाता है. पांडे के मुताबिक, देश में निवेशकों की संख्या बढ़कर 13.5 करोड़ हो गई है। ऐसे में देश के सेविंग्स पूल को बिजनेस के लिए लंबी अवधि की कैपिटल में बदलना काफी जरूरी है.
आर्थिक मामलों का विभाग की सचिव अनुराधा ठाकुर के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने वित्तीय क्षेत्र के नियामकों के साथ मिलकर अनुपालन को आसान बनाने के लिए कई नियामक सुधार लागू किए हैं. ठाकुर ने कहा, इन मूलभूत सुधारों के पीछे का विजन यह सुनिश्चित करना है कि नियामक प्रभावशीलता और जवाबदेही में सुधार हो, आवश्यक नियम बने रहें और वे अधिक लागत-प्रभावी, सरल और अनुपालन में आसान बनें.
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा,हमारे वित्तीय क्षेत्र ने अब तक विकास को बढ़ावा दिया है, लेकिन 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक मजबूत वित्तीय ढांचे और कहीं अधिक मात्रा में पूंजी जुटाने की आवश्यकता होगी. अगले दो दिनों में, हम भारत के भविष्य को कुशलतापूर्वक और स्थायी रूप से वित्तपोषित करने के लिए आवश्यक प्रमुख नियामक और बाजार सुधारों पर चर्चा करेंगे.
इस महीने की शुरुआत में सेबी चीफ ने कहा था कि भारत की आर्थिक मजबूती में कैपिटल मार्केट की अहम भूमिका होगी और यह विकसित भारत लक्ष्य की ओर देश की प्रगति और पूंजी निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है. सेबी चीफ ने कहा, देश की विकसित हो रही आकांक्षा को पूरा करने में कैपिटल मार्केट एक जरूरी इंस्ट्रूमेंट के रूप में काम कर रहा है. साथ ही, कहा कि इस साल कंपनियों ने प्राथमिक बाजारों से करीब दो लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं, जो कि निवेशकों के मजबूत विश्वास को दिखाता है.

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