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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
हार्वर्ड के अर्थशास्त्री जेसन फरमैन ने 2025 की तीसरी तिमाही में भू-राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं के जीडीपी प्रदर्शन पर जानकारी साझा की है. फरमैन ने इसके लिए एक ग्राफ प्रस्तुत किया, जिसमें भारत, रूस, चीन और अमेरिका जैसे देशों के कोरोना महामारी के बाद के जीडीपी प्रदर्शन को दिखाया गया है. ग्राफ से पता चलता है कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में अपने जीडीपी प्रदर्शन को लगातार बनाए रख रहा है, जबकि रूस, अमेरिका, चीन और यूरो एरिया जैसी अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं अभी तक महामारी के बाद अपने जीडीपी प्रदर्शन में अपेक्षित सुधार नहीं दिखा पाई हैं.
भारत की बात करें तो देश 7.3 ट्रिलियन डॉलर की अनुमानित जीडीपी के साथ 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर अग्रसर है. चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही के लिए जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था अपेक्षा से कहीं अधिक तेज गति सालाना आधार पर 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी. इस वृद्धि को बढ़ावा देने में देश के मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन और सर्विस सेक्टर का अहम योगदान रहा. केंद्र के अनुसार, इस वृद्धि को लेकर निजी निवेश में तेजी, बढ़ते उपभोक्ता विश्वास, वेतन वृद्धि और मजबूत कृषि उत्पादन से बढ़ती ग्रामीण मांग भी महत्वपूर्ण कारक रहे.
रियल जीडीपी ग्रोथ की तुलना में भारत की स्थिति अन्य देशों के मुकाबले काफी मजबूत दिखाई देती है. जून तिमाही में चीन और इंडोनेशिया की जीडीपी वृद्धि दर 5.2 प्रतिशत रही, जबकि अमेरिका की 2.1 प्रतिशत, जापान और यूके की 1.2 प्रतिशत, फ्रांस की 0.7 प्रतिशत, मेक्सिको की 0 प्रतिशत और जर्मनी की -0.2 प्रतिशत रही. हाल ही में जारी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के आंकड़े भी भारत के लिए उत्साहजनक हैं और इसे विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने में मदद करते हैं.
आईएमएफ के नवीनतम अनुमानों के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था 2026 में 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने की अनुमान है, जिससे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच भारत की विकास दर मजबूत बनी रहेगी. इसके विपरीत, इसी अवधि के दौरान चीन की विकास दर धीमी होकर 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है. इकोनॉमिस्ट का भी मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था ऐसे समय में बढ़ रही है जब वैश्विक विकास धीमा बना हुआ है.
आईएमएफ की रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए, इन्फोमेरिक्स रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री डॉ. मनोरंजन शर्मा ने कहा कि आईएमएफ के आंकड़े बेहद सकारात्मक और उत्साहजनक हैं. उनका कहना है कि भारत की इस स्थिर और मजबूत वृद्धि का श्रेय तीन प्रमुख कारकों को दिया जा सकता है: बढ़ती घरेलू खपत, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में पुनरुद्धार, और सर्विस सेक्टर का मजबूत प्रदर्शन.