भारत बना दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा फिनटेक स्टार्टअप इकोसिस्टम, 2025 में जुटाए 1.6 अरब डॉलर

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा फिनटेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है और 2025 के पहले नौ महीनों में इसने कुल 1.6 अरब डॉलर की फंडिंग हासिल की है. यह जानकारी शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में सामने आई। मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म Tracxn के आंकड़ों के अनुसार, स्टार्टअप फंडिंग के लिहाज से भारत अब सिर्फ अमेरिका और ब्रिटेन से पीछे है.
यह वैश्विक स्तर पर भारतीय फिनटेक सेक्टर की बढ़ती भूमिका और प्रभाव को दर्शाता है. रिपोर्ट में बताया गया है कि 2025 में अब तक अर्ली-स्टेज फिनटेक स्टार्टअप्स ने 598 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई है, जो कि 2024 की तुलना में अधिक है. जब यह आंकड़ा 555 मिलियन डॉलर था. यह वृद्धि दर्शाती है कि निवेशकों का भरोसा अब भी भारत के फिनटेक स्टार्टअप सेक्टर में मजबूत बना हुआ है. हालांकि, लेट-स्टेज फंडिंग 2025 के पहले नौ महीनें में कम होकर 863 मिलियन डॉलर पर पहुंच गई है, जो कि 2024 में समान अवधि में 1.2 अरब डॉलर पर थी.
इसके साथ, सीड-स्टेज फंडिंग कम होकर 129 मिलियन डॉलर हो गई है. समीक्षा अवधि में दो स्टार्टअप 100 मिलियन डॉलर से अधिक की फंडिंग जुटाने में कामयाब रहे हैं, जिसमें ग्रो ने सीरीज एफ राउंड में 202 मिलियन डॉलर जुटाए हैं, जबकि वीवर सर्विसेज ने 170 मिलियन डॉलर जुटाए हैं. इस अवधि में 23 अधिग्रहण हुए, जो पिछले वर्ष की तुलना में मामूली वृद्धि है,
जिसमें सबसे बड़ा अधिग्रहण डिजीनेक्स द्वारा रिजल्टिक्स का 2 अरब डॉलर में अधिग्रहण था. बेंगलुरु फिनटेक फंडिंग के प्राइमरी हब के रूप में अपना दबदबा बनाए हुए है, जिसकी कुल निवेश में 52% की हिस्सेदारी रही है, जबकि मुंबई 22% के साथ दूसरे स्थान पर है. ट्रैक्सन की सह-संस्थापक नेहा सिंह ने कहा, भारत का फिनटेक इकोसिस्टम फंडिंग में नरमी के दौर के बावजूद मजबूत प्रदर्शन कर रहा है.
उन्होंने कहा, शुरुआती दौर में लगातार सक्रियता और नए यूनिकॉर्न का उदय इस क्षेत्र की दीर्घकालिक क्षमता में निवेशकों के निरंतर विश्वास को दर्शाता है. नेहा सिंह ने आगे कहा, प्रमुख इनोवेशन हब के रूप में बेंगलुरु और मुंबई का प्रभुत्व भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम की परिपक्वता को दिखाता है.

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