केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को बताया कि भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हब बन चुका है. उन्होंने कहा कि देश के इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में छह गुना तक की वृद्धि दर्ज की गई है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की गई जानकारी में वैष्णव ने बताया कि केंद्र सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव जैसी योजनाओं के चलते पिछले 11 वर्षों में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात आठ गुना बढ़ गया है.
इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में 9.8 लाख करोड़ रुपए का उत्पादन
उन्होंने कहा कि बड़े स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग के लिए लाई गई पीएलआई स्कीम ने 13,475 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित किया है और इससे इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में 9.8 लाख करोड़ रुपए का उत्पादन हुआ है और मैन्युफैक्चरिंग के साथ-साथ नौकरियों और निर्यात में बढ़त हुई है. वैष्णव ने बताया कि बीते पांच वर्षों में 1.3 लाख से ज्यादा नौकरियां इस सेक्टर में पैदा हुई हैं और इलेक्ट्रॉनिक्स अब भारत की तीसरी सबसे बड़ी निर्यात कैटेगरी है.
शुरू में तैयार प्रोडक्ट्स पर फोकस कर रहा था देश
उन्होंने कहा कि देश शुरू में तैयार प्रोडक्ट्स पर फोकस कर रहा था, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम ने मॉड्यूल, कंपोनेंट, सब-मॉड्यूल, कच्चे माल और उन्हें बनाने वाली मशीनों के लिए क्षमता बनाने की तरफ बदलाव को सपोर्ट किया. पोस्ट में कहा गया है कि इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम में 249 आवेदन आए हैं, जो 1.15 लाख करोड़ रुपए के निवेश, 10.34 लाख करोड़ रुपए के उत्पादन और 1.42 लाख नौकरियां पैदा करने का प्रतिनिधित्व करते हैं.
अब तक 10 यूनिट्स को दी गई मंजूरी
इसमें कहा गया है कि यह भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में अब तक की सबसे बड़ी निवेश प्रतिबद्धता है, जो उद्योग के बढ़ते भरोसे को दर्शाती है. अश्विनी वैष्णव ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में हुई प्रगति का भी उल्लेख किया और बताया कि अब तक 10 यूनिट्स को मंजूरी दी जा चुकी है, जिनमें से तीन में पायलट या शुरुआती स्तर का उत्पादन शुरू हो चुका है. केंद्रीय मंत्री के अनुसार, भारत में स्थापित फैब्स और एटीएमपी इकाइयां जल्द ही मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद बनाने वाली कंपनियों को चिप्स की आपूर्ति करेंगी.
इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग से 25 लाख नौकरियां हुईं पैदा
केंद्रीय मंत्री ने कहा, पिछले दशक में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग से 25 लाख नौकरियां पैदा हुईं. यह जमीनी स्तर पर असली आर्थिक विकास है. उन्होंने कहा, जैसे-जैसे हम सेमीकंडक्टर और कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाएंगे, रोजगार के अवसर और तेजी से बढ़ेंगे. तैयार प्रोडक्ट्स से लेकर कंपोनेंट्स तक, प्रोडक्शन बढ़ रहा है. निर्यात में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. वैश्विक कंपनियों का भरोसा मजबूत हुआ है और भारतीय कंपनियां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन रही हैं. इससे रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं. यह मेक इन इंडिया पहल की एक बड़ी सफलता की कहानी को दर्शाता है.