भारत के स्मार्टफोन बाजार ने इस साल सितंबर तिमाही में पिछले साल की तुलना में वॉल्यूम के आधार पर 5% और वैल्यू के आधार पर 18% की बढ़ोतरी दर्ज की है. यह अब तक की सबसे ऊंची तिमाही वैल्यू भी साबित हुई है. सोमवार को जारी काउंटरपॉइंट रिसर्च की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, यह वृद्धि मुख्य रूप से मजबूत त्योहारों की मांग, आकर्षक छूट ऑफ़र और प्रीमियम स्मार्टफोनों के प्रति उपभोक्ताओं की बढ़ती रुचि के चलते देखने को मिली है.
सितंबर तिमाही में अच्छी हुई बिक्री
जानकारों का कहना है कि अधिक से अधिक ग्राहक अब प्रीमियम स्मार्टफोन पर अपग्रेड कर रहे हैं, इसलिए मार्केट का ध्यान अब वॉल्यूम वृद्धि से हटकर अब वैल्यू ग्रोथ पर आ गया है. रिपोर्ट बताती है कि आसान फाइनेंसिंग ऑप्शन और आकर्षक ट्रेड-इन ऑफर्स अधिक से अधिक ग्राहकों को प्रीमियम डिवाइस खरीदने के लिए बढ़ावा दिया है. काउंटरपॉइंट रिसर्च के सीनियर एनालिस्ट प्राचीर सिंह ने कहा कि बेहतर घरेलू लिक्विडिटी और फेस्टिव माहौल की वजह से सितंबर तिमाही में अच्छी बिक्री हुई. रिपोर्ट के अनुसार, 30 हजार रुपए से अधिक कीमत वाले फोन के प्रीमियम स्मार्टफोन सेगमेंट में शिपमेंट में सालाना आधार पर 29% की शानदार वृद्धि दर्ज की गई है.
एएसपी को लेकर 13% की दर्ज की गई वृद्धि
जिसने समग्र मार्केट वैल्यू को 18% की वृद्धि दर्ज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. जबकि एवरेज सेलिंग प्राइस (एएसपी) को लेकर 13% की वृद्धि दर्ज की गई है. एप्पल ने आईफोन 16 और 15 सीरीज़ की मजबूत मांग के दम पर 28% वैल्यू शेयर हासिल करते हुए प्रीमियम स्मार्टफोन बाजार में अपनी बढ़त बनाए रखी है. वहीं, हाल ही में लॉन्च हुई आईफोन 17 सीरीज़ को भी ग्राहकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है. इसके बाद 23% वैल्यू शेयर के साथ सैमसंग दूसरे स्थान पर है. कंपनी की गैलेक्सी एस और ए सीरीज़ उपभोक्ताओं के बीच खासा लोकप्रिय बनी हुई हैं,
फोल्डेबल फोनों ने भी बिक्री के लिहाज से दर्ज किया मजबूत प्रदर्शन
जबकि उसके फोल्डेबल फोनों ने भी बिक्री के लिहाज से मजबूत प्रदर्शन दर्ज किया है. शिपमेंट को लेकर IQOO को हटाकर वीवो 20 प्रतिशत मार्केट शेयर के साथ भारत का टॉप स्मार्टफोन ब्रांड बनकर उभरा है. 13% शेयर के साथ सैमसंग का दूसरा स्थान रहा. पहली बार, वॉल्यूम में महत्वपूर्ण बदलाव के चलते एप्पल ने भारत के टॉप पांच स्मार्टफोन ब्रांड्स की सूची में अपनी जगह बनाई है. यह उपलब्धि भारत को दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा आईफोन बाजार बनने में मदद करती है.