भारत ने 4.18 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का दर्जा हासिल कर लिया है. आधिकारिक बयान के अनुसार, भारत अगले 2.5 से 3 वर्षों में जर्मनी को पछाड़कर तीसरे स्थान पर पहुंच सकता है और वर्ष 2030 तक इसकी अर्थव्यवस्था 7.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है. FY25-26 की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ दर पिछले छह तिमाहियों के उच्चतम स्तर पर दर्ज की गई. यह संकेत देता है कि वैश्विक आर्थिक उतार-चढ़ाव के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है.
भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था
बयान के कहा गया, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और इस गति को बनाए रखने के लिए अच्छी स्थिति में है. 2047 तक – अपनी आजादी के सौवें साल तक – उच्च मध्यम-आय वाला देश बनने की महत्वाकांक्षा के साथ, देश आर्थिक विकास, संरचनात्मक सुधारों और सामाजिक प्रगति की मजबूत नींव पर आगे बढ़ रहा है. आरबीआई ने FY25-26 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान पहले के 6.8% से बढ़ाकर 7.3% कर दिया है.
मजबूती के साथ आगे बढ़ रही भारत की घरेलू आर्थिक वृद्धि
भारत की घरेलू आर्थिक वृद्धि कई कारकों के चलते मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है. इसमें मजबूत घरेलू मांग, इनकम टैक्स और गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) प्रक्रियाओं का सरलीकरण, कच्चे तेल की कम कीमतें और सरकार का बढ़ता पूंजीगत खर्च अहम भूमिका निभा रहे हैं. इसके साथ ही अनुकूल मौद्रिक और वित्तीय परिस्थितियां तथा नियंत्रित महंगाई भी ग्रोथ को सहारा दे रही हैं. बयान के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार बनाए रखने में निजी क्षेत्र की भूमिका लगातार मजबूत बनी हुई है.
भारत के निर्यात को मिला बढ़ावा
इसके अलावा, निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार अन्य देशों के साथ व्यापारिक समझौते करने पर जोर दे रही है. वर्ष 2025 में भारत ने यूके, ओमान और न्यूजीलैंड के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए. चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से सितंबर 2025 के दौरान देश के सामान और सेवाओं का कुल निर्यात बढ़कर रिकॉर्ड 418.91 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 5.86% अधिक है.