सोमवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, चालू FY26 में राज्य की बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) का परिचालन घाटा घटकर करीब 8,000 से 10,000 करोड़ रुपए रहने की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष के 12,000 से 15,000 करोड़ रुपए की तुलना में लगभग एक तिहाई कम है. यह गिरावट परिचालन दक्षता में सुधार, कुछ राज्यों द्वारा टैरिफ बढ़ोतरी को मंजूरी दिए जाने और औसत बिजली खरीद लागत (APPC) में हल्की कमी के कारण देखी जा रही है.
क्रिसिल रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा, परिचालन घाटे में कमी आने से डिस्कॉम्स के लिए ऋण वृद्धि की गति धीमी हो गई है, जिससे उनके ऋण मैट्रिक्स में कुछ सुधार हुआ है. हालांकि, राज्य सब्सिडी पर उनकी निर्भरता बनी हुई है, कुल ऋण भार अभी भी ऊंचा बना हुआ है और ऋण चुकाने हेतु नकदी संचय के उच्च स्तर तक पहुंचने के लिए औसत राजस्व प्राप्ति (एआरआर) में और सुधार की आवश्यकता होगी.
इसके अलावा, वाणिज्यिक और औद्योगिक (सीएंडआई) यूजर्स द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा की खरीद के लिए ओपन एक्सेस को अपनाने में वृद्धि से उत्पन्न जोखिमों के प्रति डिस्कॉम अभी भी संवेदनशील हैं. क्रिसिल रेटिंग्स के उप मुख्य रेटिंग अधिकारी मनीष गुप्ता ने कहा, इस वित्तीय वर्ष में, परिचालन अंतर पिछले वित्तीय वर्ष के 12 पैसे से घटकर 5-10 पैसे और वित्तीय वर्ष 20 के 60 पैसे से काफी कम होने की उम्मीद है.
उन्होंने आगे कहा, इस वित्तीय वर्ष में सुधार हमारे सैपंल सेट में शामिल 11 राज्यों में से 4 में स्वीकृत टैरिफ वृद्धि और माल एवं सेवा कर (GST) युक्तिकरण के तहत कोयले पर क्षतिपूर्ति उपकर को हटाने से प्रेरित होगा, जिससे एपीपीसी में 4-6 पैसे प्रति यूनिट की कमी आएगी. परिचालन दक्षता में सुधार पिछले वित्त वर्ष में कुल तकनीकी और वाणिज्यिक (एटीएंडसी) घाटे में 15% की कमी से स्पष्ट दिखता है, जो वित्त वर्ष 20 में 19% था.
रिपोर्ट में बताया गया है कि यह सुधार बुनियादी ढांचे में निरंतर निवेश का परिणाम है, जिसमें कंडक्टर और ट्रांसफार्मर बदलना, फीडर का पृथक्करण करना और केबलों को भूमिगत करना शामिल है. पिछले पांच वित्त वर्षों में परिचालन घाटा लगातार घटा है. इसका प्रमुख कारण उच्च सब्सिडी प्राप्ति के साथ-साथ कुछ राज्यों द्वारा ईंधन और बिजली खरीद लागत के समायोजन तंत्र को अपनाना है, जिससे औसत प्राप्ति दर (ARR) में प्रति यूनिट 110 पैसे की वृद्धि दर्ज की गई है.
क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक गौतम शाही ने कहा, हालांकि 30 राज्य डिस्कॉम का कर्ज पिछले वित्त वर्ष के 6.5 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर इस वित्त वर्ष में 6.7-6.8 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा, लेकिन उनका ब्याज कवरेज पिछले वित्त वर्ष के 1.2 गुना से बढ़कर 1.3 गुना हो जाएगा.
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