भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में 2025 के दौरान संस्थागत निवेश 10 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है. सोमवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, जेएलएल ने बताया कि इस साल रियल एस्टेट सेक्टर में कुल 77 सौदे हुए, जिनमें लगभग 10.4 अरब डॉलर का निवेश दर्ज किया गया. यह लगातार दूसरा वर्ष है, जब रियल एस्टेट में रिकॉर्ड स्तर का निवेश देखने को मिला है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह निवेश पिछले वर्ष की तुलना में 17% अधिक है, जबकि 2024 में इस सेक्टर में कुल संस्थागत निवेश 8.9 अरब डॉलर रहा था.
घरेलू संस्थागत निवेशकों ने हासिल की 52% की मजबूत हिस्सेदारी
2025 में निवेश के अलावा कुल 11.43 अरब डॉलर की निवेश प्रतिबद्धता देखने को मिली है और यह निवेश अगले 3-7 वर्षों के दौरान देश के रियल एस्टेट सेक्टर में आएगा. जेएलएल की भारत में वरिष्ठ प्रबंध निदेशक और पूंजी बाजार प्रमुख लता पिल्लई ने कहा, “2014 के बाद पहली बार, घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 52% की मजबूत बाजार हिस्सेदारी हासिल की है. साथ ही, 2025 में प्रमुख परिसंपत्तियों के अधिग्रहण में दर्ज हुई दोगुनी बढ़त यह संकेत देती है कि निवेशक सिर्फ भारत की विकास कहानी पर भरोसा नहीं जता रहे हैं, बल्कि स्थिर और नियमित आय देने वाली संपत्तियों के जरिए सक्रिय रूप से दीर्घकालिक संपत्ति सृजन पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.
InvITs की अहम भूमिका
इस बदलाव में भारतीय REIT और इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट की अहम भूमिका सामने आई है. इन माध्यमों से करीब 2.5 अरब डॉलर का निवेश हुआ है, जो कुल प्रमुख परिसंपत्ति अधिग्रहण का लगभग 56% हिस्सा है. इसके अलावा, भारतीय निजी इक्विटी फर्मों का योगदान भी उल्लेखनीय रहा, जो कुल घरेलू पूंजी निवेश का करीब 30% है. हालांकि, कुल गतिविधि के प्रतिशत के रूप में विदेशी संस्थागत निवेश में गिरावट आई है, लेकिन कुल विदेशी पूंजी निवेश में सालाना आधार पर 18% की वृद्धि हुई है, जो भारतीय रियल एस्टेट के बुनियादी सिद्धांतों में निरंतर विश्वास को दर्शाता है.
निवेशकों ने दिखाई मजबूत प्रतिबद्धता
अमेरिका स्थित निवेशकों ने विशेष रूप से मजबूत प्रतिबद्धता दिखाई और निवेश 2024 में 1.6 अरब डॉलर से बढ़कर 2025 में 2.6 अरब डॉलर हो गया है, जो कि वार्षिक आधार पर 63% की मजबूत वृद्धि है. कार्यालय क्षेत्र ने एक बार फिर संस्थागत निवेश के मोर्चे पर अपनी मजबूत पकड़ बना ली है और वर्ष 2025 में इसकी बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 58% तक पहुंच गई है. यह स्थिति 2024 की तुलना में बड़ा बदलाव दर्शाती है, जब आवासीय क्षेत्र 45% हिस्सेदारी के साथ अग्रणी था और कार्यालय क्षेत्र 28% हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर रहा था.

