भारत के रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटी) मार्केट का आकार 2029 तक बढ़कर लगभग 10.8 लाख करोड़ रुपए तक पहुँचने का अनुमान है, जिसमें ऑफिस सेक्टर की हिस्सेदारी लगभग 65.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है. यह जानकारी गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में साझा की गई. रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म जेएलएल की रिपोर्ट में बताया गया कि वित्त वर्ष 25 में भारत के आरईआईटी मार्केट ने 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक का बाजार पूंजीकरण हासिल कर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर छुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत के आरईआईटी मार्केट का पूंजीकरण वित्त वर्ष 2020 में 264 अरब रुपए से बढ़कर 30 सितंबर 2025 तक 1.6 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है.
देश के आरईआईटी मार्केट में तेजी से बदलाव
जेएलएल ने बताया कि देश के आरईआईटी मार्केट में तेजी से बदलाव देखने को मिला है. 2019 में भारत में केवल एक लिस्टेड आरईआईटी थी, जिसका प्रबंधन 33 मिलियन स्क्वायर फीट क्षेत्र में था, जबकि अब देश में कुल पांच लिस्टेड आरईआईटी हैं, जो मिलकर 174 मिलियन स्क्वायर फीट क्षेत्र को मैनेज करती हैं. भारत में जेएलएल की वरिष्ठ प्रबंध निदेशक एवं पूंजी बाजार प्रमुख लता पिल्लई ने कहा, भारत का आरईआईटी क्षेत्र एक उभरती हुई अवधारणा से एक आकर्षक निवेश माध्यम के रूप में विकसित हुआ है. 6 वर्षों में 40 प्रतिशत की मजबूत सीएजीआर वृद्धि एक संस्थागत परिसंपत्ति वर्ग के रूप में वाणिज्यिक अचल संपत्ति में निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाती है.
आरईआईटी में निवेश में लगातार बढ़ोतरी
यूनिट होल्डिंग पैटर्न से पता चलता है कि म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस कंपनियों, पेंशन फंड्स, सॉवरेन वेल्थ फंड और एनबीएफसी की आरईआईटी में निवेश में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. यह संकेत देता है कि मार्केट धीरे-धीरे अधिक परिपक्व और स्थिर होता जा रहा है. देश के शीर्ष सात शहरों में ग्रेड ए के ऑफिस में आरईआईटी की हिस्सेदारी जून 2025 तक बढ़कर 15 प्रतिशत हो गई है, जो कि 2019 में 4.2 प्रतिशत थी. आरईआईटी का आधार भी मजबूत बना हुआ है, क्योंकि चार ऑफिस आरईआईटी के द्वारा संचालित ऑफिस में ऑक्यूपेंसी रेट 91 प्रतिशत थी.
पिछले हफ्ते सेबी चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने कहा था कि बाजार नियामक रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटी) और इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट्स) को बड़े बाजार सूचकांकों में शामिल कर सकता है. उन्होंने कहा कि यह कदम पूरी कैलकुलेशन के साथ चरणबद्ध तरीके से उठाया जाएगा. इससे आरईआईटी और इनविट्स में लिक्विडिटी बढ़ेगी और दृश्यता में इजाफा होगा एवं निवेशकों की रुचि बढ़ेगी.