इन्फोसिस के अमेरिकन डिपॉजिटरी रिसिप्ट (एडीआर) में अचानक 50% तक बढ़ोतरी तकनीकी खराबी के कारण हुई थी. एक रिपोर्ट के अनुसार, डेटा फीड में गड़बड़ी और एल्गोरिदम-संचालित खरीदारी इस तेजी के मुख्य कारण थे. क्रॉनिकल जर्नल की रिपोर्ट में बताया गया कि 19 दिसंबर 2025 को एडीआर में आई यह उछाल कई फाइनेंशियल डेटा प्लेटफॉर्म पर टिकर-मैपिंग त्रुटियों के कारण हुई, जिससे ऑटोमेटिक ट्रेडिंग सिस्टम में भ्रम पैदा हुआ और कम कारोबार वाले शेयर में स्वयं-पुष्टि होने वाला खरीदारी चक्र शुरू हो गया.
Infosys ADR में अचानक तेजी
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तेज उतार-चढ़ाव के कारण न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में कई बार लिमिट अप-लिमिट डाउन अस्थिरता के कारण ट्रेडिंग रोकनी पड़ी. इस विसंगति के कारण एल्गोरिथम मॉडल ने इसे मूल्य निर्धारण में एक असामान्यता के रूप में समझा और आक्रामक खरीद आदेशों को ट्रिगर किया और कम तरलता एवं कम ट्रेडिंग वॉल्यूम ने इस प्रभाव को और बढ़ा दिया. रिपोर्ट के अनुसार, एडीआर, जो पिछले सत्र में लगभग 19.18 डॉलर पर बंद हुए थे, बाजार खुलने के कुछ ही मिनटों में बढ़कर 27 डॉलर तक पहुँच गए. इसके बाद, अस्थिरता नियंत्रण उपायों के लागू होने से कीमतें फिर नीचे आ गईं. भारत में सूचीबद्ध कंपनी के शेयरों में इस घटना का कोई असर नहीं देखा गया.
एजेंटिक एआई के अपनाने की प्रक्रिया होगी तेज
बाजार में आई इस असामान्य स्थिति ने एडीआर की कमजोरियों को उजागर किया, क्योंकि इनका व्यापार घरेलू बाजारों के बंद होने के समय होता है. इससे सिस्टम डेटा त्रुटियों, लिक्विडिटी गैप और ऑटोमेटिक ट्रेडिंग फीडबैक लूप के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है. इसके अलावा, अमेरिकी टेक दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट ने हाल ही में इन्फोसिस समेत अन्य आईटी कंपनियों के साथ रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की है. इसके तहत 50,000 से अधिक माइक्रोसॉफ्ट कोपायलट लाइसेंस तैनात किए जाएंगे, जिससे कुल लाइसेंसों की संख्या 2,00,000 से अधिक हो जाएगी और एजेंटिक एआई के अपनाने की प्रक्रिया तेज होगी.

