Reporter
The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
FY24-25 में कॉरपोरेट इन्वेस्टमेंट (Corporate Investment) में स्थिर वृद्धि देखी गई है और मुख्य इन्फ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्रीज (Infrastructure Industries) ने वृद्धि बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाई है. बैंक ऑफ बड़ौदा इकोनॉमिक रिसर्च डिपार्टमेंट की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. रिपोर्ट को 122 इंडस्ट्रीज की 1,393 कंपनियों के आंकड़ों के आधार पर तैयार किया गया है, जिसमें बताया गया कि पूंजीगत कार्य सहित सकल अचल संपत्ति FY25 में 7.6 प्रतिशत बढ़कर 28.50 लाख करोड़ रुपए हो गई, जबकि FY24 में यह 26.49 लाख करोड़ रुपए थी.
31% के साथ रिफाइनरियों की अचल संपत्तियों में सबसे बड़ी हिस्सेदारी थी, जिसके बाद दूरसंचार सेवाओं की हिस्सेदारी 8.6%, लोहा और इस्पात उत्पादों की हिस्सेदारी 5.9%, सीमेंट की हिस्सेदारी 5.4% और बिजली की हिस्सेदारी 4.8% थी. इन पांच क्षेत्रों की कुल अचल संपत्तियों में 56% की हिस्सेदारी है. इसके अतिरिक्त पब्लिक सेक्टर बैंक, प्राइवेट सेक्टर बैंक, केमिकल, इंडस्ट्रियल गैस और अलौह धातु की कुल अचल संपत्तियों में हिस्सेदारी 14.5% है.
वहीं, पैसेंजर कार, FMCG, Pharma, IT Software और स्पंज आयरन कंपनियों की हिस्सेदारी कुल अचल संपत्तियों में 10.4% है. रिपोर्ट में कहा गया, “देश में निवेश को बढ़ावा देने वाले अधिकांश अग्रणी क्षेत्र इन्फ्रास्ट्रक्चर सेगमेंट से हैं और इनमें मजबूत वृद्धि दर दर्ज की गई है.” रिपोर्ट के मुताबिक, खपत में सुधार होने के कारण उपभोक्ता केंद्रित उद्योगों में आने वाले वर्ष (वित्त वर्ष 26) में अधिक गति दिखाई देगी.
रिपोर्ट के मुताबिक, सीमेंट, पैसेंजर कार, बैंक, दवा और फार्मा, स्टील, स्पंज आयरन और रिफाइनरियों जैसे क्षेत्रों की अचल संपत्तियों में वृद्धि को औसत से अधिक रही है. रिपोर्ट में कहा गया,“सीमेंट और स्टील से सरकारी पूंजीगत व्यय के साथ जुड़ा हुआ था, जहां बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए नई क्षमताएं स्थापित की गईं. दवाएं और फार्मास्यूटिकल्स में घरेलू और निर्यात दोनों मांगों को पूरा करने के लिए नई क्षमताएं स्थापित की जा रही हैं.