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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को लेकर इंटरनेशनल एजेंसी मूडीज (International Agency Moody’s) ने एक शानदार रिपोर्ट जारी की है. रेटिंग एजेंसी मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अमेरिकी टैरिफ (US Tariffs) के कारण दुनियाभर में व्यापार की अनिश्चितता है, इसके बावजूद भारत मजबूत स्थिति में है. इसका कारण भारत का बहुत बड़ा घरेलू मार्केट और निर्यात किए जाने वाले सामानों पर कम निर्भरता है.
पर्सनल कंजप्शन बढ़ाने पर है सरकार का फोकस
मूडीज ने कहा कि सरकार का फोकस पर्सनल कंजप्शन को बढ़ाने और इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाने पर है. सरकारी पहल भारत की अर्थव्यवस्था को कमजोर वैश्विक मांग से बचाने में मदद करेगी. भारत की बड़ी घरेलू अर्थव्यवस्था और वैश्विक माल व्यापार में सीमित जोखिम देश को बाहरी झटकों को झेलने के लिए अधिक मजबूत स्थिति में रखता है. कुछ सेक्टर्स जैसे ऑटोमोबाइल अपने डायवर्सिफाइड संचालन के बावजूद वैश्विक चुनौतियों का सामना कर सकते हैं. रिपोर्ट के अनुसार, भारत का मजबूत सेवा क्षेत्र और बड़ी घरेलू अर्थव्यवस्था, मजबूत बफर प्रदान करती है.
मूडीज की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि महंगाई में गिरावट से विकास को बढ़ावा देने के लिए ब्याज दरों में कटौती के साथ नरम मौद्रिक नीति का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है. रिपोर्ट के मुताबिक, बैंकिंग सेक्टर में क्रेडिट ग्रोथ का समर्थन करने के लिए पर्याप्त लिक्विडिटी भी है. मूडीज की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव का भारत की तुलना में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर अधिक असर पड़ने की संभावना है.
2025 में ग्रोथ रेट 6.3% रहने का अनुमान
भारत में प्रमुख आर्थिक केंद्र संघर्ष क्षेत्रों से बहुत दूर हैं और द्विपक्षीय आर्थिक संबंध सीमित हैं. हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि लंबे समय तक तनाव बढ़ने से रक्षा खर्च में वृद्धि हो सकती है, जिससे राजकोषीय कंसोलिडेशन के प्रयास धीमे हो सकते हैं और सरकारी वित्त पर असर पड़ सकता है. मूडीज रेटिंग्स ने इस महीने की शुरुआत में 2025 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.3% रहने का अनुमान लगाया था और उम्मीद जताई है कि 2026 में अर्थव्यवस्था गति पकड़ेगी और 6.5% की वृद्धि दर दर्ज करेगी. यह पूर्वानुमान आईएमएफ के आउटलुक के अनुरूप है, जिसके अनुसार भारत 2025 में 6% से अधिक की वृद्धि दर दर्ज करने वाली दुनिया की एकमात्र प्रमुख अर्थव्यवस्था होगी.