अगस्त में म्यूचुअल फंड फोलियो की संख्या बढ़कर 24.89 करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची, जो कि जुलाई की तुलना में लगभग 1.3% की वृद्धि दर्शाती है. हालांकि, FY24-25 के पहले पांच महीनों में जिस तेजी से फोलियो में बढ़ोतरी हुई थी— लगभग 14% (16.99 करोड़ से बढ़कर 19.4 करोड़) — उसकी तुलना में यह वृद्धि दर अब थोड़ी धीमी रही है. यह ध्यान रखना जरूरी है कि ये आंकड़े सीधे-सीधे व्यक्तिगत निवेशकों की संख्या को नहीं दर्शाते, क्योंकि एक ही निवेशक विभिन्न योजनाओं में कई फोलियो रख सकता है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के अगस्त के आंकड़ों के अनुसार, इक्विटी योजनाओं में सबसे बड़ा हिस्सा 17.32 करोड़ फोलियो का था.
विश्लेषकों ने कहा कि न्यू फंड ऑफर (एनएफओ) एक्टिविटी में कमी, निवेशकों की सतर्क धारणा और फोलियो कंसोलिडेशन के कारण फोलियो संख्या में वृद्धि धीमी रही। अगस्त में 23 योजनाएं लॉन्च हुईं, जिनमें निवेशकों से 2,859 करोड़ रुपए जुटाए गए. आंकड़ों के अनुसार, म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले यूनिट पर्मानेंट अकाउंट नंबर (पैन) धारकों की संख्या मार्च 2020 में 2.1 करोड़ थी, जो मार्च 2024 तक दोगुनी बढ़कर 4.5 करोड़ हो गई. इससे स्पष्ट है कि म्यूचुअल फंड में खुदरा निवेशकों की भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. वहीं, वित्त वर्ष 2025-26 में अप्रैल से अगस्त तक फोलियो की संख्या में वृद्धि दर घटकर 5% रह गई, जबकि पिछले वित्त वर्ष (2024-25) की इसी अवधि में यह दर 13.8% थी.
डेट स्कीम फोलियो की संख्या भी अगस्त में बढ़कर 76 लाख हो गई, जो अप्रैल में 70 लाख थी. यह वृद्धि पिछले वर्ष की समान अवधि में दर्ज की गई हल्की गिरावट से उबरने का संकेत देती है. हाइब्रिड स्कीम में फोलियो की संख्या मई में बढ़कर 1.68 करोड़ हो गई, जो अप्रैल के 1.58 करोड़ से बढ़कर पिछले साल की तुलना में थोड़ी अधिक है. ईटीएफ, इंडेक्स फंड और पैसिव फंड सहित अन्य श्रेणी में अगस्त में 4.46 करोड़ फोलियो हो गए, जो अप्रैल के 4.19 करोड़ और अगस्त 2024 के 3.47 करोड़ से शानदार वृद्धि है. इक्विटी-उन्मुख म्यूचुअल फंड ने अगस्त में 33,430 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश दर्ज किया, जिसके साथ लगातार 54 महीनों से सकारात्मक निवेश का सिलसिला जारी रहा. अगस्त में एसआईपी में निवेश 28,265 करोड़ रुपए रहा, जो जुलाई के 28,464 करोड़ रुपए से थोड़ा कम है.