जापानी वाहन निर्माता कंपनी निसान ने घोषणा की है कि वह अगले दो वर्षों में भारत में 700 मिलियन यूरो निवेश करने की योजना बना रही है. यह निवेश 2025 और 2027 के बीच कई नए वाहनों को लॉन्च करने में किया जाएगा, जो भारतीय बाजार के लिए कंपनी की लंबी अवधि की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है. हाल ही में निसान द्वारा भारत में स्थित मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में अपनी 51% हिस्सेदारी गठबंधन भागीदार रेनॉल्ट को बेचने के बाद कंपनी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह भारत से बाहर नहीं जा रही है.
इसके अतिरिक्त निसान प्रोडक्ट डेवलपमेंट और विस्तार पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपनी उपस्थिति को दोगुना कर रही है. हाल ही में एक मीडिया ब्रीफिंग में निसान मोटर इंडिया के प्रबंध निदेशक सौरभ वत्स ने भारत से कंपनी के संभावित एक्जिट या बंद होने की अटकलों का जोरदार खंडन किया था. वत्स ने कहा, “निसान कहीं नहीं जा रही है. हम भारत में ही रहेंगे.” कंपनी के देश छोड़कर जाने या आकार घटाने की किसी भी अफवाह को खारिज करते हुए वत्स ने कहा कि कंपनी की घरेलू बाजार को लेकर रणनीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
उन्होंने कहा, “घरेलू रणनीतियों में कोई बदलाव नहीं हुआ है और नौकरी में कटौती की कोई योजना नहीं है.” उन्होंने निसान द्वारा भारत में किए जा रहे 700 मिलियन यूरो के बड़े निवेश का भी संकेत दिया. वत्स ने कहा, “सबूत सामने है. आगामी मॉडलों का प्री-प्रोडक्शन पहले ही शुरू हो चुका है और स्थानीय और निर्यात बाजारों के लिए सभी योजनाएं पूरी तरह से पटरी पर हैं.” उन्होंने यह भी पुष्टि की कि दो आगामी वाहनों पर प्री-प्रोडक्शन का काम पहले ही शुरू हो चुका है.
वत्स के मुताबिक, अपनी विस्तार रणनीति के तहत निसान ने वित्तीय वर्ष 2026-27 तक भारत में अपनी उत्पादन क्षमता को 2,00,000 वाहनों तक बढ़ाने की योजना बनाई है. इस उत्पादन का आधा हिस्सा लगभग 100,000 इकाइयां विदेशी बाजारों में निर्यात किए जाने की उम्मीद है. हाल ही में निसान ने अपनी लोकप्रिय मैग्नाइट एसयूवी की दो लाख से अधिक इकाइयां बेचने का आंकड़ा पार किया है.