महंगाई दर कम होने से भारत में परिवारों की क्रय शक्ति में होगा सुधार: HSBC

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
एचएसबीसी रिसर्च (HSBC Research) की सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि बचे हुए वर्ष के लिए महंगाई दर कम होने से भारत में परिवारों की वास्तविक क्रय शक्ति में सुधार होगा और कॉर्पोरेट्स के लिए इनपुट लागत कम होगी. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कम स्पष्ट, लेकिन उतना ही महत्वपूर्ण लाभ राजकोषीय वित्त के माध्यम से हो सकता है. शेष वर्ष को अगले छह महीनों के लिए करीब 2.5% की कम मुद्रास्फीति से समर्थन मिलने की संभावना है.
सार्वजनिक अन्न भंडारों में स्टॉक होने और मानसून की बारिश अनुकूल होने की संभावना के साथ, खाद्य मुद्रास्फीति कम रहने की संभावना है. देश के लिए अपने 100 इंडीकेटर्स डेटाबेस को अपडेट करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि कम कमोडिटी कीमतों, धीमी वृद्धि, मजबूत रुपया (अमेरिकी डॉलर के मुकाबले) और चीन से आयातित अवस्फीति के कारण कोर मुद्रास्फीति भी सीमित दायरे में रहने की संभावना है.
ये संकेतक विभिन्न क्षेत्रों को दर्शाते हैं और विकास की एक विस्तृत तस्वीर पेश करते हैं. FY26 के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर बजट से कम नॉमिनल GDP वृद्धि, प्रत्यक्ष कर उछाल और उच्च रक्षा व्यय से कुछ दबाव हैं. एचएसबीसी रिपोर्ट में कहा गया है, हालांकि, कुछ ऑफसेटिंग कारक विशेष रूप से बजट से अधिक RBI लाभांश (2.7 ट्रिलियन रुपए) भी मौजूद हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सरकार के पास तेल उत्पाद शुल्क बढ़ाकर वैश्विक तेल कीमतों में गिरावट का कुछ हिस्सा अपने पास रखने का विकल्प है.
रिपोर्ट में कहा गया है, मुद्रास्फीति पहले से ही कम है. हमारा अनुमान है कि अगर सरकार पंप कीमतों को कम करने के बजाय ऑयल बाउंटी का आधा हिस्सा रख लेती है, तो यह न केवल राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करेगा, बल्कि विकास समर्थन के लिए कुछ अतिरिक्त फंड भी उपलब्ध करवाएगा. FY25 की मार्च तिमाही पहले की तुलना में एक पायदान बेहतर रही, जिसमें पिछली दो तिमाहियों में 64% और 61% के मुकाबले 66% संकेतक सकारात्मक रूप से बढ़े.
अनौपचारिक क्षेत्र की खपत में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई, जिसे राज्य पूंजीगत व्यय (मार्च में) में वृद्धि, अच्छी सर्दियों की फसल, उच्च वास्तविक ग्रामीण मजदूरी और ग्रामीण व्यापार की बेहतर शर्तों से लाभ मिला. दूसरी ओर, शहरी खपत संकेतक, जैसे कि उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं का उत्पादन और आयात, नरम रहे. रिपोर्ट में बताया गया है, हमने अप्रैल के एक्टिविटी डेटा का एक तिहाई प्राप्त कर लिया है और 64% संकेतक सकारात्मक रूप से बढ़ रहे हैं.

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