RBI कम महंगाई के चलते रेपो रेट को 5.50% पर रख सकता है स्थिर: Report

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

सोमवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) आगामी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट को 5.50% पर अपरिवर्तित रख सकता है. बजाज ब्रोकिंग की रिपोर्ट में कहा गया है कि जून में आरबीआई ने रेपो दर में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की थी, जबकि अगस्त में इसे स्थिर रखा गया था. रिपोर्ट में कहा गया कि आरबीआई मौजूदा दर को बनाए रख सकता है, क्योंकि महंगाई कम है और साथ ही नियंत्रण में बनी हुई है, लेकिन विकास के लिए जोखिम बढ़ रहे हैं.

GST सुधार से आने वाले महीनों में खुदरा कीमतें हो सकती हैं कम

भारत में उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति अगस्त में जुलाई के 1.61% से बढ़कर 2.07% हो गई, जो दस महीने से जारी महंगाई में कमी की प्रवृत्ति को खत्म करती है. हालांकि, मुद्रास्फीति आरबीआई के 4% के लक्ष्य से काफी नीचे और अनुमत सीमा के भीतर ही है. जानकारों का कहना है कि इसकी वजह खाद्य कीमतों में वृद्धि थी, लेकिन GST सुधार से आने वाले महीनों में खुदरा कीमतें कम हो सकती हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रोथ फ्रंट पर जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने उम्मीद से बेहतर 7.8% की मजबूत वार्षिक वृद्धि दर्ज की.

निजी क्षेत्र का निवेश अब भी बना हुआ है कमजोर

इस वृद्धि को मुख्य रूप से सरकारी खर्च से प्रोत्साहन मिला है, जबकि निजी क्षेत्र का निवेश अब भी कमजोर बना हुआ है. रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए व्यापार टैरिफ और वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव जैसे बाहरी कारक आने वाली तिमाहियों में भारत की आर्थिक विकास दर पर प्रतिकूल असर डाल सकते हैं. रिपोर्ट में सितंबर में क्रेडिट फ्लो को बढ़ावा देने और आर्थिक गतिविधियों को समर्थन देने के लिए सीआरआर में कटौती सहित आरबीआई के हाल के लिक्विडिटी उपायों पर भी प्रकाश डाला गया है.

हालांकि, उधार की लागत अभी भी अधिक बनी हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय बैंक अपने दिशानिर्देशों में तटस्थ रुख अपना सकता है. केंद्रीय बैंक आर्थिक विकास को समर्थन देने की अपनी प्राथमिकता और कीमतों को स्थिर रखने की आवश्यकता के बीच संतुलन बनाए रख सकता है.

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