2024-25 में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 4.6 प्रतिशत हुई, बीते 6 वर्ष में सबसे निचले स्तर पर

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सरकार ने आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हुए मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए निरंतर प्रयास किया है, खुदरा मुद्रास्फीति FY25 में छह साल के निचले स्तर 4.6% पर पहुंच गई. वित्‍त मंत्रालय ने कहा कि मुद्रास्फीति में गिरावट की प्रवृत्ति ने जीवन-यापन के दबाव को कम करने में मदद की है और आर्थिक विकास के लिए अधिक स्थिर वातावरण को बढ़ावा दिया है. वित्त मंत्रालय के बयान में कहा गया है, “मुद्रास्फीति अब 2018-19 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर है,
भारत ने न केवल व्यापक आर्थिक स्थिरता को मजबूत किया है, बल्कि सतत विकास के लिए एक सक्षम वातावरण भी बनाया है.” वित्त मंत्रालय के बयान में आगे कहा गया है कि यह प्रक्षेपवक्र विकास लक्ष्यों से समझौता किए बिना मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए देश की लचीलापन और प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है. खाद्य कीमतों में गिरावट और उच्च आधार प्रभाव के कारण भारत की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति मार्च में घटकर 3.34% रह गई. उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक पर आधारित साल-दर-साल खाद्य मुद्रास्फीति मार्च 2025 में 2.69% रही, जो नवंबर 2021 के बाद सबसे कम है.
खाद्य कीमतों में समग्र नरमी का कारण सब्ज़ियाँ, अंडे, दालें और उत्पाद, मांस और मछली, अनाज और उत्पाद, तथा दूध और उत्पाद जैसी प्रमुख श्रेणियों में मुद्रास्फीति में गिरावट थी. वित्त मंत्रालय ने कहा कि यह निरंतर नरमी भारतीय रिज़र्व बैंक की संतुलित मौद्रिक नीति और आपूर्ति-पक्ष की बाधाओं को कम करने और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को स्थिर करने के लिए भारत सरकार के केंद्रित हस्तक्षेपों के संयुक्त प्रभाव को उजागर करती है. वित्त मंत्रालय ने कहा, “यह मील का पत्थर भारतीय रिजर्व बैंक की विकास समर्थक मौद्रिक नीति की प्रभावशीलता को उजागर करता है, जिसने मूल्य स्थिरता के साथ आर्थिक विस्तार को सफलतापूर्वक संतुलित किया है.”
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