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उत्तराखंड के हल्द्वानी में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं ने इस रक्षाबंधन को विशेष बनाने की एक अनूठी पहल की है. समूह की महिलाओं ने शुद्ध रेशम के धागों से विशेष रूप से बनी राखियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को भेजी हैं. यही नहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कृषि मंत्री गणेश जोशी को भी ये सुंदर राखियां भेजी गई हैं. रेशम विभाग के उपनिदेशक हेमचंद्र ने बताया कि इस पहल से न केवल पारंपरिक रक्षाबंधन पर्व को नया आयाम मिला है, बल्कि इससे जुड़ी महिलाएं आत्मनिर्भरता की दिशा में भी कदम बढ़ा रही हैं.
रेशमी राखियों की डिमांड
रेशम विभाग के उपनिदेशक हेमचंद्र ने बताया कि पिछले वर्ष उत्तराखंड में रेशम आधारित नवाचार की शुरुआत की गई थी. इस पहल के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने शुद्ध रेशम से कई आकर्षक उत्पाद तैयार किए, जो देश में पहली बार इस रूप में बनाए गए. महिलाओं ने महज नौ महीनों में ही 9 लाख रुपये से अधिक का कारोबार कर एक मिसाल कायम की है. इस वर्ष रक्षाबंधन के अवसर पर महिलाओं ने विशेष रूप से शुद्ध रेशम की राखियां तैयार की हैं, जिनकी मांग प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश में देखने को मिल रही है. इन रेशमी राखियों की आपूर्ति दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हैदराबाद, बैंगलोर, राजस्थान, लखनऊ, गुजरात और चंडीगढ़ जैसे शहरों तक हो चुकी है। इनकी सुंदरता और पारंपरिकता के चलते देशभर में यह राखियां काफी पसंद की जा रही हैं.
राखी बनी आत्मनिर्भरता का जरिया
उन्होंने बताया, रेशम विभाग से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाएं रक्षाबंधन के अवसर पर रेशम से बनी राखी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कृषि मंत्री के लिए भेज रही हैं. इन राखियों की बिक्री से महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं. इन राखियों को बनाकर कुछ ही दिनों में समूह की महिलाओं ने लगभग 15 हजार के करीब कारोबार किया है. लोगों को यह राखी पसंद आ रही हैं, जिससे समूह को लगातार ऑर्डर मिल रहे हैं. महिला सहायता समूह की अध्यक्ष किरण जोशी का कहना है कि समूह की महिलाएं पिछले कई महीनों से राखी बनाने में लगी हैं, जिसके माध्यम से महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है. इस राखी की डिमांड देश के अन्य राज्यों से मिल रही है. यह राखी ईको फ्रेंडली है.