हाल के समय में उतार-चढ़ाव के बावजूद कीमती धातुओं जैसे सोना और चांदी की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं. इसी बीच मजबूत वैश्विक संकेतों और ब्याज दरों में संभावित कटौती की उम्मीद से बुधवार को चांदी की कीमतों ने नया रिकॉर्ड स्थापित किया. बुधवार के व्यापारिक सत्र में मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर चांदी की कीमतें 4 प्रतिशत से अधिक की तेजी के साथ 2,06,111 रुपए प्रति किलो के स्तर तक पहुंच गईं, जो अब तक का उच्चतम मूल्य है. हालांकि खबर लिखे जाने तक (दोपहर 12.30 बजे) मार्च डिलीवरी वाला सिल्वर 7,417 रुपए (3.75 प्रतिशत) की तेजी के साथ 2,05,172 रुपए प्रति किलोग्राम पर था.
वहीं अगर सोने की बात करें, तो कारोबारी सत्र में कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला. खबर लिखे जाने तक एमसीएक्स पर फरवरी डिलीवरी वाला गोल्ड 65 रुपए यानी 0.05 प्रतिशत गिरकर 1,34,344 रुपए प्रति 10 ग्राम पर कारोबार करते हुए दिखाई दिया. मार्केट विशेषज्ञों का कहना है कि यदि सोने की कीमत 1,35,500 रुपए के ऊपर बनी रहती है, तो इसमें और भी तेजी देखने को मिल सकती है और इसकी कीमतें 1,36,000 से 1,38,000 रुपए तक पहुंच सकती हैं.
वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमतों में भी जबरदस्त उछाल आया है. स्पॉट सिल्वर की कीमत 2.8 प्रतिशत बढ़कर 65.63 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई है, जो अब तक का उच्चतम स्तर है. इसके अलावा, सोने की कीमत भी थोड़ी बढ़कर 4,321.56 डॉलर प्रति औंस हुई, जिसका मुख्य कारण अमेरिकी डॉलर का कमजोर होना बताया गया है. अमेरिका के कमजोर रोजगार आंकड़ों के बाद सिल्वर की कीमतों में तेज उछाल आया, जिससे फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें मजबूत हुईं.
आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में अमेरिका में बेरोजगारी दर बढ़कर 4.6 प्रतिशत हो गई, जिससे पता चलता है कि वहां की अर्थव्यवस्था थोड़ी धीमी हो रही है. जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो निवेशक ऐसे विकल्पों की ओर आकर्षित होते हैं जिनसे प्रत्यक्ष ब्याज लाभ नहीं मिलता, जैसे सोना और चांदी.
इसके अलावा, वैश्विक राजनीतिक तनाव ने भी चांदी की कीमतों में तेजी लाने में योगदान दिया है. उदाहरण के तौर पर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वेनेजुएला से जुड़े तेल जहाजों पर रोक लगाने का आदेश दिया, जिससे वहां की परिस्थितियाँ और तनावपूर्ण हो गईं. ऐसे हालात में निवेशक अधिक सुरक्षित विकल्पों को प्राथमिकता देते हैं, जिससे सोना और चांदी जैसे सुरक्षित निवेश की मांग बढ़ती है.