S&P ने भारतीय जीडीपी पूर्वानुमान में किया बदलाव, जानिए FY-2026 में कितना होगा ग्रोथ रेट

Raginee Rai
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S&P Global Ratings: ग्‍लोबल रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल ने अपने आर्थिक अनुमान को अपडेट किया है. मंगलवार, 25 मार्च को एसएंडपी ग्‍लोबल एजेंसी ने वित्त वर्ष 2026 के लिए भारत के जीडीपी विकास अनुमानों (विकास दर) को घटाकर 6. 5 प्रतिशत कर दिया है. इससे पहले यह अनुमान 6.7% लगाया था. एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स को उम्मीद है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाएं बढ़ते अमेरिकी टैरिफ और वैश्वीकरण पर दबाव महसूस करेंगी.

पीटीआई की खबर के अनुसार, एशिया-प्रशांत (एपीएसी) के लिए अपने आर्थिक दृष्टिकोण में, एसएंडपी ने कहा कि इन बाहरी दबावों के बाद भी, उसे उम्मीद है कि अधिकांश उभरती-बाजार अर्थव्यवस्थाओं में घरेलू मांग की गति मजबूत बनी रहेगी.

सामान्‍य रहेगा आगामी मॉनसून का मौसम

खबर के अनुसार, एसएंडपी ग्लोबल ने कहा कि हमें उम्मीद है कि 31 मार्च, 2026 को खत्म होने वाले वित्तीय वर्ष में भारत का जीडीपी 6.5 फीसदी बढ़ेगा. हमारा पूर्वानुमान पिछले वित्तीय वर्ष के परिणाम के समान ही है, लेकिन हमारे पहले के 6. 7 फीसदी के पूर्वानुमान से कम है. पूर्वानुमान में माना गया है कि आगामी मॉनसून का मौसम सामान्य रहेगा और कमोडिटी-खासकर कच्चे तेल की कीमतें नरम रहेंगी.

S&P ग्‍लोबल ने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति में कमी, मार्च 2026 को खत्म होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए देश के बजट में घोषित टैक्स लाभ और कम उधारी लागत भारत में विवेकाधीन खपत को बढ़ावा देगी.

बेंचमार्क ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद

ग्लोबल क्रेडिट रेटिंग एजेंसी को उम्मीद है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र के केंद्रीय बैंक इस वर्ष बेंचमार्क ब्याज दरों में कटौती जारी रखेंगे. रेटिंग एजेंसी के अनुसार, हमारा अनुमान है कि भारतीय रिजर्व बैंक चालू चक्र में ब्याज दरों में 75 बीपी-100 बीपी की कटौती करेगा.

पिछले माह, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर को 25 आधार अंकों से कमकर 6. 50 फीसदी से 6. 25 फीसदी कर दिया है. खाद्य मुद्रास्फीति में कमी और कच्चे तेल की कीमतों में कमी से हेडलाइन मुद्रास्फीति मार्च 2026 को खत्म होने वाले वित्तीय वर्ष में केंद्रीय बैंक के 4% के लक्ष्य के करीब पहुंच जाएगी और राजकोषीय नीति नियंत्रित रहेगी.

अमेरिकी टैरिफ का महसूस होगा दबाव

एसएंडपी ने कहा कि एशिया-प्रशांत अर्थव्यवस्थाएं खास तौर से बढ़ते अमेरिकी टैरिफ और सामान्य रूप से वैश्वीकरण पर दबाव महसूस करेंगी. अब तक नई अमेरिकी सरकार ने चीन से आयात पर अतिरिक्त 20 फीसदी शुल्क लगाया है; कनाडा और मैक्सिको से कुछ आयातों पर 25% शुल्क लगाया है, जबकि अन्य उत्पादों पर शुल्क एक महीने के लिए स्थगित कर दिया गया है. स्टील और एल्युमीनियम पर ग्‍लोबल लेवल पर 25 फीसदी शुल्क लगाया है. एसएंडपी ने कहा कि यूएस में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन प्रमुख क्षेत्रों में आर्थिक नीति बदल रहा है.

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