SVAMITVA Scheme: ग्रामीणों को बैंक से झट से मिलेगा लोन, कल पीएम मोदी बांटेंगे 50 लाख प्रॉपर्टी कार्ड

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

SVAMITVA Scheme: केंद्र सरकार ने एक पहल की है, जिसके माध्‍यम से जमीन मालिकों को एक स्‍वामित्‍व कार्ड दिया जा रहा है. इस कार्ड की मदद से बैंकों से लोन लेना आसान हो जाएगा. पीएम मोदी कल यानी 27 दिसंबर से प्रॉपर्टी कार्ड के‍ वितरण का शुभारंभ करेंगे. केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने बताया कि स्वामित्व (SVAMITVA) योजना के जरिए लोन पाने के लिए 1.37 लाख करोड़ रुपये की ग्रामीण आवासीय संपत्तियों का मुद्रीकरण किया जा सकता है. स्वामित्व योजना ग्रामीण इलाकों में संपत्तियों का सीमांकन करने के लिए ड्रोन आधारित किया गया एक सर्वे है.

लोन लेना सुरक्षित

मंत्रालय ने कहा कि पहले कई राज्यों में गांवों के जनसंख्‍या वाले क्षेत्रों की मैपिंग नहीं की गई थी. इस वजह से वहां संस्थागत लोन लेने में कमी आई थी. हालांकि, इस सर्वे के बाद से, कई संपत्ति मालिक अपने संपत्ति कार्ड से बैंक लोन को सुरक्षित कर सकते हैं, इसके लिए अब कानूनी आधार उपलब्‍ध हैं.

92 प्रतिशत सर्वेक्षण पूरा

बता दें कि ग्रामीण इलाकों में आर्थिक प्रगति के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने 2020 में गांवों का सर्वेक्षण और यहां सुधारित तकनीक के साथ मैपिंग (या स्वामित्व) योजना शुरू की थी. अब तक, लगभग 3 लाख 17 हजार गांवों और कुल लक्ष्य 3 लाख 44 हजार गांवों का 92 प्रतिशत सर्वेक्षण हो चुका है. इनमें से एक लाख 36 हजार गांवों में लोगों को उनके संपत्ति कार्ड मिल चुके हैं. अब 27 दिसंबर को, पीएम मोदी देशभर में 50 लाख संपत्ति कार्ड के वितरण का शुभारंभ करेंगे.

प्रॉपर्टी से जुड़े मालिक के बारे में जानकारी स्पष्ट नहीं

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पेरू के अर्थशास्त्री हर्नांडो डी सोटो ने कहा कि विकासशील देशों में पूंजीवाद काम नहीं करता. इसके पीछे का वजह है कि यहां जमीन का मालिक स्पष्ट नहीं है. पंचायती राज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज ने कहा कि स्वामित्व योजना ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों से संबंधित है. इस योजना के तहत प्रधानमंत्री 50 लाख संपत्ति कार्ड वितरित करेंगे.

यहां के लोगों के पास संपत्ति तो बहुत है लेकिन, उसका मालिक कौन है इसके बारे में कुछ भी परिभाषित नहीं किया गया है. इसी वजह से लोगों को बैंक लोन नहीं मिलता है. इससे आर्थिक गतिविधि में कमी आती है. संबंधित क्षेत्र की सबसे कम बाज़ार दरों को भी ध्यान में रखते हुए ऐसी प्रॉपर्टी का मूल्य 1.37 लाख करोड़ रुपए में आंका गया है. हालांकि, इसका वास्तविक मूल्य इससे अधिक हो सकता है.

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