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केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने सोमवार को कहा कि रिकॉर्ड निर्यात आंकड़ों और कई मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) के साथ भारत आर्थिक समृद्धि की नई राह पर अग्रसर है. केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट कर कहा, मजबूत डिजिटल इकोसिस्टम के समर्थन से प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित, त्वरित और अधिक पारदर्शी बनाया जा रहा है. गोयल ने कहा, अत्याधुनिक भविष्योन्मुखी इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास एक दूसरा मुख्य आकर्षण रहा है. फोकस पूरी तरह से व्यवसायों को सशक्त बनाने और अधिक निवेश आकर्षित करने पर है.
केंद्रीय मंत्री गोयल के मुताबिक, हितधारकों के साथ परामर्श बढ़ाने, अनुपालन बोझ को कम करने और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार के परिणामस्वरूप छोटे व्यवसायों का सशक्तीकरण हुआ है, निवेशकों का विश्वास बढ़ा है और अधिक प्रतिस्पर्धी व्यापार वातावरण बना है. इस वर्ष मई में भारत का कुल वस्तु और सेवाओं का निर्यात 71.12 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में 2.77% की वृद्धि दर्शाता है, जबकि भू-राजनीतिक तनाव और व्यापार युद्ध में वृद्धि के बावजूद अमेरिकी टैरिफ में वृद्धि हुई है. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इस वर्ष मई में सकारात्मक वृद्धि दर्शाने वाले भारत के शीर्ष 5 निर्यात गंतव्य 16.93% के साथ अमेरिका, 25.04% के साथ चीन, 35.35% के साथ ऑस्ट्रेलिया, 48.11% के साथ रूस और 17.05% के साथ जर्मनी हैं.
गोयल ने कहा कि वाणिज्य भवन को भारत के तेजी से बढ़ते वाणिज्य और इंडस्ट्री इकोसिस्टम के लिए एक मॉडर्न, कुशल, इंटीग्रेटेड और डेडिकेटेड हब के रूप में देखा गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसके उद्घाटन के बाद से तीन वर्षों में, भारत के व्यापार करने के तरीके में कई मील के पत्थर हासिल किए गए हैं और नए मानक स्थापित किए गए हैं. मंत्री ने आगे कहा, यह हमारे कर्मचारियों की प्रतिबद्धता से संभव हुआ है. वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर सफाई कर्मचारियों तक, यहां काम करने वाला हर व्यक्ति भारत के व्यापार और वाणिज्य की यादगार कहानी लिखने में मदद कर रहा है। मैं वाणिज्य भवन परिवार के हर सदस्य को धन्यवाद देना चाहता हूं.
उन्होंने आगे कहा कि पिछले तीन वर्षों की उपलब्धियां हमें योजना, समर्पण और क्रियान्वयन की शक्ति की याद दिलाती हैं. उन्होंने कहा, हमें एक बार फिर अपने उद्योग और वैश्विक साझेदारों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए, ताकि विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को हासिल किया जा सके. भारत में अब 112 देशों से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आ रहा है, जबकि 2013-14 में यह आंकड़ा 89 देशों से था, जो देश की बढ़ती ग्लोबल अपील को दर्शाता है. केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, भारत की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सफलता की कहानी न केवल प्रभावशाली संख्याओं को लेकर है, बल्कि दूरदर्शी सुधारों, नीतिगत स्पष्टता और भारत के आर्थिक भविष्य में वैश्विक समुदाय के भरोसे का भी प्रतिबिंब है.