धर्मांतरण मामला: छांगुर के एक और लिंक का खुलासा, प्रशासन ने सील किया मदरसा

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Conversion Case: धर्मांतरण मामले में जमालुद्दीन उर्फ छांगुर पर लगातार शिकंजा कसता जा रहा है. हिंदू परिवारों का धर्म परिवर्तन, लव जिहाद व देश विरोधी गतिविधियों के आरोपी बलरामपुर के उतरौला निवासी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर मामले की जांच अब श्रावस्ती के इकौना तक पहुंच गई है. पुलिस व प्रशासनिक टीम शनिवार को इकौना देहात के रहमान पुरवा स्थित जामिया नूरिया फातिमा लिल बनात संस्था/मदरसा पहुंची. एडीएम के नेतृत्व में पहुंची टीम ने मदरसा सील कर वहां रखे अभिलेख अपने साथ लेकर चली गई.

गुजरात के वडोदरा जिले के धोबोई निवासी सैयद सिराजुद्दीन हाशमी ने इकौना देहात के रहमान पुरवा में 2019 में जामिया नूरिया फातिमा लिल बनात संस्था/मदरसा बनवाया था. इस आवासीय बालिका मदरसे में 300 छात्राएं रहकर शिक्षा ग्रहण कर रही थीं, जबकि,इसकी मान्यता भी नहीं थी. बाद में उसने मदरसे के बगल में करीब दो बीघा भूमि और खरीदी. उस पर भवन निर्माण शुरू कराया था. 1 मई को एसडीएम की जांच में मदरसा संचालन से संबंधित अभिलेख नहीं मिले.

मदरसा सील कर अभिलेख साथ ले गई टीम

इसके बाद 3 मई को डीएम के निर्देश पर मदरसे को सील कर दिया गया था. इसमें सैयद सिराजुद्दीन हाशमी का आवास होने की वजह से आवासीय परिसर को बाद में खोल दिया गया. हालांकि, मदरसा सील था. अब छांगुर मामले में नाम आने के बाद शनिवार को एडीएम अमरेंद्र कुमार वर्मा के नेतृत्व में एसडीएम ओमप्रकाश, सीओ भिनगा सतीश शर्मा, नायब तहसीलदार अमरेश कुमार, एसओजी टीम प्रभारी नितिन यादव व एसओ अखिलेश पांडेय की टीम मदरसा पहुंची. इस दौरान टीम वहां रखे अभिलेख अपने साथ ले गई.

सैयद सिराजुद्दीन हाशमी की ससुराल बलरामपुर के उतरौला में है. वहां आने-जाने के दौरान वह छांगुर के संपर्क में आया. इसके बाद उसका उतरौला आना-जाना बढ़ गया. ऐसे में सैयद सिराजुद्दीन हाशमी व छांगुर के मध्य क्या कनेक्शन है? टीम इसे तलाशने में जुटी है. छापेमारी के दौरान इसके तीन बैंक खातों का खुलासा हुआ. इनमें एक स्थानीय व दो गुजरात के हैं. इनकी जांच बैंक व ट्रेजरी के अधिकारियों से कराई जाएगी.

डीएम अजय कुमार द्विवेदी ने बताया

इस मामले में डीएम अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि मदरसे से मिले अभिलेख उर्दू में हैं. पहले उनका अनुवाद कराया जाएगा. इसके बाद इसकी जांच की जाएगी. साथ ही मदरसे में शिक्षणरत छात्राएं कहां से आई थीं? मौजूदा समय में कहां हैं? इसकी भी जांच कराई जाएगी. उतरौला आने-जाने के इसके उद्देश्य, मदरसा निर्माण के लिए पैसा कहां से आया? कहीं किसी अन्य गतिविधि में भी इसकी भी संलिप्तता तो नहीं है, इसकी भी जांच कराई जाएगी.

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