Israel-Palestine Conflict: शनिवार को गाजा पट्टी के दक्षिणी हिस्से में हुई गोलीबारी में 50 से ज्यादा फलस्तीनी मारे गए हैं. स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, ये सभी खाने के पैकेट के लिए जा रहे थे. वहीं अस्पताल के अधिकारियों के मुताबिक, इस्राइली सेना ने भीड़ पर गोलियां चलाई, जिसमें कई लोग घायल भी हुए हैं. जानकारी के अनुसार, ये सभी फलस्तीनी गाजा मानवतावादी फाउंडेशन (जीएचएफ) नाम की संस्था की तरफ से चलाए जा रहे खाद्य वितरण केंद्रों की तरफ जा रहे थे. यह संस्था अमेरिका और इस्राइल की मदद से मई महीने से गाजा में खाना बांट रही है.
क्या है जीएचएफ और क्या है विवाद?
जीएचएफ ने मई महीने में गाजा में काम शुरू किया था. इसका मकसद भूखे लोगों को खाना पहुंचाना है. अमेरिका और इस्राइल ने इस संस्था को इसलिए समर्थन दिया, क्योंकि उनका आरोप है कि पारंपरिक यूएन आधारित राहत वितरण प्रणाली में हमास के आतंकी राशन चुरा लेते हैं. हालांकि, संयुक्त राष्ट्र इस आरोप को सिरे से खारिज करता है. जीएचएफ दावा करता है कि उसने लाखों खाने के पैकेट बांटे हैं, लेकिन स्थानीय स्वास्थ्य विभाग और प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि सैंकड़ों लोग इन केंद्रों पर गोलीबारी में मारे जा चुके हैं.
दो जगहों पर हुई गोलीबारी की घटना
जानकारी के मुताबिक, गोलीबारी की घटना मुख्य रूप से दो जगहों पर हुई. जिसमें पहली घटना तेइना इलाका, खान यूनिस शहर के पास हुई. इस दौरान लगभग तीन किलोमीटर दूर जीएचएफ के एक केंद्र की ओर सैकड़ों लोग पैदल चल रहे थे. गवाहों के मुताबिक. पहले इस्राइली सेना ने चेतावनी में हवाई फायरिंग की, लेकिन बाद में सीधे लोगों पर गोलियों की बौछार कर दी.
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, ‘यह एक नरसंहार था… सैनिकों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी.’ एक अन्य गवाह ने बताया कि टैंकों और ड्रोन से भी गोलियां चलाई गईं. इसके बाद घायल लोगों को उठाकर नासर अस्पताल, खान यूनिस लाया गया, जहां 25 शव और 70 घायलों की पुष्टि हुई है. दूसरी घटना शकूश इलाका, रफा शहर के पास हुई. यहां भी जीएचएफ केंद्र के पास भीड़ पर गोलियां बरसाई गई, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक महिला भी शामिल थी. घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया.
इस गोलीबारी के बारे में जानकारी देते हुए एक शख्स ने कहा, ‘हमने चिल्लाकर कहा- खाना चाहिए, खाना! लेकिन उन्होंने हमसे बात नहीं की, सीधे गोलियां चलाईं.’ एक जॉर्डन-फलस्तीनी व्यक्ति ने बताया कि उनका 19 वर्ष का बेटा हिशाम भी मारा गया. उन्होंने जॉर्डन सरकार से अपील की कि उन्हें गाजा से निकालने में मदद करें.
जीएचएफ और इस्राइली सेना की सफाई
जीएचफ ने कहा है कि उसके केंद्रों पर कोई गोलीबारी नहीं हुई और अगर मौतें हुई हैं तो भगदड़ और हमास की तरफ से फैलाई अफवाहों की वजह से हुईं। वहीं इस्राइली सेना ने कहा कि वह केवल ‘चेतावनी के तौर पर फायरिंग’ करती है अगर भीड़ बहुत पास आ जाए. हालांकि, शनिवार की घटना पर सेना और GHF की ओर से कोई आधिकारिक बयान अभी तक नहीं आया है.
हमास-इस्राइल संघर्ष
7 अक्तूबर 2023 को हमास ने इस्राइल पर हमला किया, जिसमें 1,200 लोग मारे गए और 250 को बंधक बना लिया गया. जवाब में इस्राइल ने गाजा पर भीषण सैन्य अभियान शुरू किया, जिसमें अब तक 58,000 से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें आधे से ज्यादा महिलाएं और बच्चे हैं. पूरी गाजा पट्टी में लगभग सभी लोग विस्थापित हो चुके हैं और बुनियादी सुविधाएं पूरी तरह तबाह हैं.