कांकेर: नक्सलवाद के खात्मे को लेकर जारी अभियान का असर दिखने लगा है. उत्तर बस्तर में सक्रिय रहे 21 माओवादियों ने 18 हथियारों के साथ पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया. जंगलवार कॉलेज में सभी नक्सलियों का रेड कारपेट बिछाकर स्वागत किया गया. बस्तर आईजी ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को संविधान की प्रति सौंपी.
नक्सलवाद के खात्मे को लेकर चलाया जा रहा अभियान
नक्सलवाद के खात्मे को लेकर जारी अभियान के बीच इस माह पुलिस ने अपनी रणनीति बदली है. एनकाउंटर की जगह समर्पण को प्राथमिकता देते हुए नक्सलियों को साफ संदेश दिया गया था कि वो यदि आत्मसमर्पण कर मुख्य धारा में लौटने को तैयार हैं तो उनका स्वागत किया जाएगा. ऐसा न करने पर सुरक्षाबलों की गोली का निशाना बनना पड़ेगा.
इस माह 208 नक्सलियों ने किया सरेंडर
इस अभियान का असर भी देखने को मिला है. इसी माह 208 नक्सलियों ने 109 हथियारों के साथ जगदलपुर में आत्मसमर्पण किया, जिसके बाद कांकेर जिले के दो एरिया कमेटी ने आज एक साथ हथियार डाले हैं, जिसमें 21 नक्सलियों ने 18 हथियार पुलिस को सौंपे है. बस्तर आईजी पी सुंदरराज ने कहा कि एक समय था, जब नक्सलियों के पोलित ब्यूरो और सेंट्रल कमेटी में 45 सदस्य हुआ करते थे, लेकिन 2025 की शुरुआत में इनकी संख्या घटकर 18 रह गई थी.
आईजी ने कहा…
2025 का अंत आते-आते महज 6 से 7 सेंट्रल कमेटी और पोलित ब्यूरो मेंबर शेष बचे है, जो दक्षिण बस्तर के जंगलों में छिपे हुए है. आईजी ने कहा कि दक्षिण बस्तर में छिपे नक्सलियों से अपील भी कर रहे है और उन्हें चेतावनी भी दे रहे हैं कि अब भी समय है वो सरेंडर कर दे अन्यथा बस्तर के तैनात डीआरजी सहित तमाम सुरक्षाबलों के जवान उनसे निपटने के लिए पूरी तरह से हैं.