Kota Student Suicide: कोटा की कोचिंग में लगा टेस्ट पर बैन, कल 4 घंटे में 2 छात्रों ने की थी आत्महत्या

Kota Student Suicide: आजकल पढ़ाई को लेकर बच्चों पर प्रेशर इतना पढ़ गया है कि वह खुदकुशी का भी रास्ता अपना रहे हैं. कोटा में सुसाइड का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा. टेस्ट सीरीज में कम नंबर आने से तंग होकर, अक्सर छात्र ऐसे कदम उठा ले रहे हैं. आए दिन सुसाइड की खबरों ने बच्चों के साथ-साथ पेरेंट्स का भी दिल दहला कर रख दिया है. रविवार को भी दो स्टूडेंट्स के सुसाइड की खबर सामने आई है. ऐसे लगातार मामलों को लेकर जिला कलेक्टर ने एक ठोस कदम उठाया है. आइए जानते हैं क्या है मामला.

रविवार को 2 बच्चों ने किया सुसाइड
रविवार को 4 घंटे के अंतर पर दो छात्रों ने आत्महत्या कर लिया. एएसपी भगवत सिंह हिंगड़ ने बताया कि दोपहर को लगभग 3 बजे लातूर (महाराष्ट्र) के रहने वाले 16 साल के आविष्कार संभाजी कासले ने कोटा में अपनी कोचिंग इंस्टीट्यूट की छठी मंजिल से कूदकर जान दे दी. आविष्कार कोटा के तलवंडी इलाके में 3 साल से रहकर NEET की तैयारी करता था. रविवार को वह रोड नंबर 1 स्थित कोचिंग इंस्टीट्यूट में टेस्ट देने गया था.

रविवार को रात 7 बजे कुन्हाड़ी के लैंडमार्क एरिया में रहने वाले 18 साल का आदर्श अपने रूम में फंदे से लटका मिला. वह बिहार के रोहतास जिले का रहने वाला था. आदर्श नीट की तैयारी करने के लिए 4 महीने पहले ही कोटा आया था. वह भाई-बहन के साथ लैंडमार्क एरिया में फ्लैट लेकर रह रहा था.

खाने के लिए आवाज दी, लेकिन जवाब नहीं मिला
एएसपी भगवत सिंह ने बताया कि फ्लैट में तीन अलग-अलग कमरे हैं. रविवार को आदर्श टेस्ट देकर आने के बाद अपने रूम में चला गया. जब शाम को उसकी बहन करीब 7 बजे उसे खाना खाने के लिए आवाज लगाई, तब सामने से कोई जवाब नहीं आया. जिसके बाद उसने अपने कजिन को बुलाया. काफी देर तक दरवाजा खटखटाने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद दोनों ने दरवाजे को तोड़ दिया. आदर्श को फंदे पर लटका देख उन्होंने दूसरे फ्लैट के लोगों को जानकारी दी. आदर्श को फंदे से उतारकर एमबीएस अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि,”शुरूआती जांच में सामने आया है कि आदर्श के कोचिंग संस्थान के टेस्ट में लगातार कम नंबर आ रहे थे. 700 में से वह सिर्फ 250 नंबर तक ही अचीव कर पा रहा था. इसे लेकर वह परेशान था. एएसपी ने बताया- “अभी तक कोई सुसाइड नोट नही मिला है, पेरेंट्स के आने के बाद कमरे की तलाशी लेंगे”.

टेस्ट पर रोक, कोचिंग वालों ने नहीं मानी बात
12 अगस्त को कोटा के कलेक्टर ओपी बुनकर ने एक गाइडलाइन जारी कर कोचिंग संचालकों को सख्त आदेश दिया था कि संडे को कोई टेस्ट नहीं करवाएं जाएं, लेकिन कोचिंग वालों ने इसके बावजूद भी टेस्ट लेने को कहा. इसी टेस्ट की वजह से रविवार के दिन ही दो छात्रों ने अपनी जान दे दी.

इस घटना के बाद कलेक्टर ओपी बुनकर ने रविवार की रात आदेश जारी किया है. इन आदेशों के अनुसार अब किसी भी कोचिंग संस्थान में दो महीने तक बच्चों के कोचिंग टेस्ट नहीं लेंगे.

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