SCO Summit: आतंकवाद पर जयशंकर ने पाकिस्तान को फटकारा, चीन को चेताया, कहा- भारत आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

बीजिंगः विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग शिखर सम्मेलन ( SCO) की बैठक में चीन के सामने पाकिस्तान की हेकड़ी निकाल दी है. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सामने कड़ा संदेश देते हुए कहा कि भारत आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा. जयशंकर ने कहा कि भारत आतंकियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेगा. इसके साथ ही उन्होंने पाक की मदद करने पर चीन को भी अपने अंदाज में चेतावनी दी. भारत की इस लताड़ के बाद पाकिस्तान के सुर बदले-बदले दिखे.

जयशंकर की फटकार पर नरम पड़े पाक विदेश मंत्री के सुर

जयशंकर की कड़ी फटकार पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार के सुर काफी नरम पड़ गए. वह कहने लगे कि पाकिस्तान शांति और स्थिरता वाला रिश्ता चाहता है.  विदेश मंत्री एस जयशंकर ने SCO की बैठक में सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर चीन और पाकिस्तान को एक साथ कड़ा संदेश दिया. उन्होंने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा कि भारत आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा और आतंकियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेगा.

विदेश मंत्री ने पाक पर ऑपरेशन सिंदूर को ठहराया सही

विदेश मंत्री जयशंकर ने पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में पाक पर ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई को बिल्कुल सही ठहराया. जयशंकर का यह रुख देखकर पाकिस्तान और चीन की बोलती बंद हो गई. जयशंकर ने इस दौरान कहा कि एससीओ समूह को आतंकवाद और चरमपंथ से निपटने के अपने स्थापना उद्देश्य पर कायम रहना चाहिए और इन चुनौतियों से निपटने में कोई समझौता नहीं करने वाला रुख अपनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पहलगाम हमला जम्मू-कश्मीर की पर्यटन अर्थव्यवस्था को कमजोर करने और धार्मिक विभाजन पैदा करने की साजिश के तहत किया गया था.

भारत नए विचारों और प्रस्तावों पर सकारात्मक रुख अपनाता रहेगा

जयशंकर ने कहा कि भारत आतंकवाद का सामना करने के लिए अपनी प्रतिक्रिया में दृढ़ रहेगा. एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते उन्होंने कहा कि भारत नए विचारों और प्रस्तावों पर सकारात्मक रुख अपनाता रहेगा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह का सहयोग ‘‘परस्पर सम्मान’’, ‘‘संप्रभु समानता’’ और सदस्य देशों की ‘‘क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता’’ के अनुरूप होना चाहिए. उनकी यह टिप्पणी चीन की वृहद कनेक्टिविटी परियोजना ‘‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’’ (बीआरआई) की बढ़ती वैश्विक आलोचना की पृष्ठभूमि में आई है.

जयशंकर के सख्त रुख से चकराए जिनपिंग

विदेश मंत्री जयशंकर के इस हमलावर रुख को देखते हुए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी भौचक्के रह गए. विदेश मंत्री ने पाकिस्तान और चीन दोनों को आड़े हाथों लिया. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान चीन द्वारा पाकिस्तान को सहयोग दिए जाने तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान के आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने के प्रयासों में चीन द्वारा बाधा डाले जाने के मामलों को लेकर भारत में चिंता के बीच, विदेश मंत्री ने एससीओ से आतंकवाद से निपटने में ‘कोई समझौता नहीं करने वाला’ रुख अपनाने का आह्वान किया. जयशंकर ने  संघर्ष, प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ आर्थिक अस्थिरता पर भी चिंता जताई और वैश्विक व्यवस्था को स्थिर करने तथा दीर्घकालिक चुनौतियों का समाधान करने की आवश्यकता को रेखांकित किया. विदेश मंत्री के संबोधन का मुख्य केंद्रबिंदु आतंकवाद से प्रभावी ढंग से निपटने का उनका आह्वान था.

जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हमले की निंदा की है और इस निंदनीय कृत्य के दोषियों, इसके पीछे जिम्मेदार लोगों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को पकड़कर उन्हें न्याय के कठघरे में लाने की आवश्यकता पर बल दिया है. विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने “बिल्कुल यही” किया और वह ऐसा करता रहेगा. जयशंकर ने कहा, “एससीओ की स्थापना जिन तीन बुराइयों से निपटने के लिए की गई थी, वे हैं आतंकवाद, अलगाववाद और चरमपंथ. इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि ये अक्सर एक साथ घटित होती हैं. हाल में, भारत में हमने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में इसका एक ज्वलंत उदाहरण देखा.”

उन्होंने कहा, “संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, जिसके हममें से कुछ वर्तमान में सदस्य हैं, ने एक बयान जारी कर इसकी कड़े शब्दों में निंदा की और आतंकवाद के इस निंदनीय कृत्य के अपराधियों, इसके पीछे जिम्मेदार लोगों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराने तथा उन्हें न्याय के कटघरे में लाने की आवश्यकता पर बल दिया है.” उन्होंने कहा, “हमने तब से ठीक यही किया है और आगे भी करते रहेंगे.”

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