Sheikh Hasina: बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. गुरुवार को बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण यानी ICT ने जानकारी दी कि वह पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ 17 नवंबर को फैसला सुनाएगा.
दरअसल, शेख हसीना पर पिछले वर्ष जुलाई में हुए छात्र विद्रोह से संबंधित सैकड़ों की हत्या का आरोप लगा है. साथ ही उनके खिलाफ मानवता के विरुद्ध अपराधों के आरोप हैं.
आईसीटी का ये आदेश ऐसे समय पर आया है, जब बांग्लादेश अवामी लीग ने राष्ट्रव्यापी बंद का ऐलान किया है. इस राष्ट्रव्यापी बंद की वजह से ढाका सहित देश के कई शहरों में जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है.
शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने आज सुबह से शाम तक राष्ट्रव्यापी बंद की घोषणा की है. इस बंद को देखते हुए देश के कई महत्वपूर्ण स्थानों पर सेना और पुलिस सहित सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है.
मालूम हो कि बांग्लादेश में यूनुस के मुख्य सलाहकार के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने अवामी लीग और उससे संबंधित संगठनों की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया था. इसके बाद पार्टी के नेता अलग-अलग स्थानों से सोशल मीडिया के माध्यम से बंद का आह्वान किया है.
छात्र आंदोलन से गिरी थी शेख हसीना की सरकार
मालूम हो कि जुलाई 2024 में छात्रों के नेतृत्व वाले विद्रोह ने शेख हसीना की सरकार को उखाड़ फेंका था. 5 अगस्त 2024 को पूर्व प्रधानमंत्री भारत आ गई थीं. वर्तमान में वह भारत में ही एक सुरक्षित स्थान पर हैं.
शेख हसीने के पद छोड़ने के बाद मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई के विरोध प्रदर्शनों के दौरान लगभग 1,400 लोग मारे गए होंगे.

