UK: खालिस्तान समर्थक आतंकी संगठन बब्बर खालसा की फंडिंग को रोकने के लिए यूनाइटेड किंगडम ने ऐतिहासिक कदम उठाया है. ब्रिटिश सरकार ने पहली बार इस संगठन के खिलाफ कठोर संपत्ति फ्रीज और वित्तीय प्रतिबंध लागू किए हैं. यह कदम भारत में सक्रिय खालिस्तानी संगठनों की वैश्विक गतिविधियों पर कड़ा प्रहार माना जा रहा है.
सरकार ने गुरप्रीत सिंह रेहल की संपत्तियां की सीज
सरकार ने गुरप्रीत सिंह रेहल पर भी कार्रवाई करते हुए उनकी संपत्तियां फ्रीज कर दी हैं और उन्हें किसी भी ब्रिटिश कंपनी में डायरेक्टर बनने या प्रबंधन का हिस्सा बनने से प्रतिबंधित कर दिया है. यूके ट्रेजरी के मुताबिक, रेहल पर भारत में सक्रिय आतंकी संगठनों के लिए फंडिंग जुटाने और हथियार खरीदने जैसी गतिविधियों में शामिल होने का संदेह है. इसके साथ ही यूके ने बब्बर अकाली लहर की संपत्तियों को भी सीज कर दिया है, जिसे बब्बर खालसा की गतिविधियों को बढ़ावा देने और भर्ती अभियान चलाने में शामिल पाया गया है.
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के मुताबिक
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के मुताबिक, रेहल और बब्बर अकाली लहर दोनों संगठनों ने आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने, नए सदस्यों की भर्ती करने, वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराने और हथियार तथा सैन्य सामग्री की खरीद में सक्रिय भूमिका निभाई. इन्हीं गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए दोनों पर तत्काल प्रभाव से आर्थिक और प्रशासनिक प्रतिबंध लागू किए गए, ताकि उनकी फंडिंग और संचालन को रोका जा सके.
यूके की आर्थिक सचिव लूसी रिग्बी ने कहा…
यूके की आर्थिक सचिव लूसी रिग्बी ने कहा कि हम चुप नहीं बैठेंगे, जब आतंकवादी ब्रिटेन की आर्थिक व्यवस्था का इस्तेमाल करते हैं. यह ऐतिहासिक कार्रवाई दिखाती है कि हम आतंकवाद की फंडिंग रोकने के लिए हर संभव कदम उठाने को तैयार हैं. शांति और सौहार्द में विश्वास रखने वाले लोगों के साथ यूके खड़ा है.
यूके की यह कार्रवाई आतंकवाद विरोधी (प्रतिबंध) विनियम 2019 के तहत की गई है, जो सरकार को आतंकवाद में शामिल व्यक्तियों या संगठनों की संपत्तियां फ्रीज करने और उन पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार देता है. मालूम हो कि बब्बर खालसा पहले से ही यूके की सूची में प्रतिबंधित आतंकी संगठन है.