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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत एक स्वतंत्र और संप्रभु नीति अपना रहा है और अच्छे परिणाम प्राप्त कर रहा है. उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, नई दिल्ली में भारत-रूस व्यापार मंच को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की “मेक इन इंडिया” जैसी पहलों के कारण भारत तकनीकी रूप से संप्रभु बन रहा है.
उन्होंने कहा, “हम विभिन्न क्षेत्रों में भारत के साथ अपने बहुआयामी संबंधों का विकास चाहते हैं. प्रधानमंत्री ने हमारी निजी बातचीत में कई मौकों पर इस बात पर ज़ोर दिया है कि भारत के पास कई क्षेत्रों में विशाल और बढ़ते अवसर हैं, लेकिन अब तक उनका उतना उपयोग नहीं किया गया है जितना दोनों पक्ष चाहते हैं. यही कारण है कि हमने इस मंच का आयोजन किया है.” एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, “मैं इस बात पर ज़ोर देना चाहूँगा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत एक स्वतंत्र और संप्रभु नीति अपना रहा है और साथ ही बहुत अच्छे परिणाम भी प्राप्त कर रहा है. आज, भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. प्रधानमंत्री मोदी की मज़बूत आर्थिक नीति और मेक इन इंडिया कार्यक्रम जैसी ऐतिहासिक पहल की बदौलत, भारत तकनीकी रूप से संप्रभु बन रहा है. भारत का आईटी और फार्मास्युटिकल क्षेत्र दुनिया में अग्रणी स्थान रखता है.”
राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि रूस और भारत दीर्घकालिक व्यापारिक साझेदार हैं और व्यापार की मात्रा निरंतर गति से बढ़ रही है. “और पिछले तीन वर्षों में, हमने 80% तक की रिकॉर्ड वृद्धि देखी है. परिणामस्वरूप, पिछले वर्ष, रूस-भारत व्यापार की मात्रा 64 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गई. द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को और बढ़ाने के अपार अवसर हैं. रूस और भारत के बड़े उपभोक्ता बाजार हैं… एक बार फिर, मैं इस बात पर ज़ोर देना चाहूँगा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, भारत पूरी तरह से स्वतंत्र और संप्रभु नीति अपना रहा है और साथ ही आर्थिक क्षेत्र में बहुत अच्छे परिणाम प्राप्त कर रहा है…”
उन्होंने कहा, “मैं रूस और भारत के बीच बहुआयामी आर्थिक संबंधों को और गहरा करने पर विशेष ध्यान दे रहा हूँ. आज की बैठकों के बाद, हमने भारत-रूस आर्थिक सहयोग विकसित करने के लिए एक दस्तावेज़ को अपनाया… रूसी व्यवसाय भारत से विभिन्न प्रकार की वस्तुओं और सेवाओं की खरीदारी बढ़ाने के लिए तैयार हैं. मैं व्यवसायों को आश्वस्त करना चाहता हूँ कि रूस सभी पहलों का समर्थन करेगा.”