Lucknow: यूपी के प्रयागराज पुलिस द्वारा हाल ही में धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश किए जाने के बाद कन्वर्जन को रोकने को लेकर योगी सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है. धर्मांतरण को रोकने के लिए योगी सरकार ने धर्मांतरण विधेयक में संशोधन कर इसे और सख्त बनाया. सरकार ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध संशोधन अधिनियम 2024 को लागू किया. विधेयक में तथ्यों को छिपाकर या डरा-धमकाकर धर्म परिवर्तन कराने को अपराध की श्रेणी में रखा गया है. विधेयक में उम्र कैद तक की सजा का प्राविधान किया गया है.
मालूम हो कि एटीएस ने 5 जुलाई को अवैध धर्मांतरण मामले में जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को गिरफ्तार किया था. इससे पहले प्रयागराज पुलिस ने 28 जून 2025 को धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ किया था और इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था.
छांगुर बाबा हिंदू लड़कियों को इस्लाम अपनाने के लिए लाखों रुपए का लालच देता था. गैंग के सदस्यों ने खुद के नाम और अलग-अलग संस्थाओं के नाम से 40 से भी अधिक खाते खुलवाए थे, जिनमें लगभग 100 करोड़ रुपये की धनराशि का लेन-देन हुआ है. विदेशी फंडिंग से एक साल के अंदर करोड़ों रुपये की संपत्ति, शोरूम, बंगला, लग्जरी गाडिया खरीदने की शिकायत मिली थी.
प्रचार-प्रसार करने के लिए छपवा रखी थी किताब
जमालुददीन उर्फ छांगुर, छांगुर बाबा बलरामपुर में तीन-चार वर्षों से रह रहा था. छांगुर बाबा ने शिजर-ए-तैय्यबा नाम से एक पुस्तक भी छपवा रखी है, जिससे ये लोग इस्लाम धर्म का प्रचार-प्रसार करते हैं. प्रेम जाल में भी फंसाकर धर्म परिवर्तन कराता था. जमालुद्दीन के नेटवर्क में मुंबई के एक सिंधी परिवार, नवीन घनश्याम, उनकी पत्नी नीतू रोहरा और बेटी समाले रोहरा को भी धर्मांतरण के जरिए जोड़ा गया, जो अब बलरामपुर में उसी के पते पर रहते थे.
धर्मांतरण कराने के लिए हर जाति की लड़कियों के लिए अलग रकम
हर जाति की लड़कियों का धर्मांतरण कराने के लिए अलग-अलग रकम तय की गई थी. ब्राह्मण, क्षत्रिय, सरदार लड़कियों के लिए 15-16 लाख रुपए, पिछड़ी जातियों के लिए 10-12 लाख और अन्य वर्गों के लिए 8-10 लाख रुपए. इससे पहले अलीगढ़ में उमर गौतम ने नेटवर्क फैलाया था. मालूम हो कि वर्ष 2017 से 31 जनवरी 2025 तक एटीएस ने धर्मांतरण कराने वाले सिंडिकेट के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 20 आरोपियों को दबोचा है.