Dussehra 2023 : दशहरें के दिन क्‍यों खाया जाता है पान? जानिए क्‍या है इसकी परंपरा

Dussehra 2023: हिंदू धर्म में हर त्योहार की अपनी एक परंपरा है. जो सदियों से चली आ रही हैं. ऐसे में ही एक परंपरा विजयादशमी यानी दशहरा को लेकर भी है. कहा जाता है कि दशहरे के दिन पान अवश्‍य ही खाना चाहिए. ऐसे में आपके मन में ये सवाल उठ रहा आखिर पान खाना कौन सी परंपरा होती है, तो चलिए इसके बारे में विस्‍तार से जानते है.

विजयादशमी का पर्व देशभर में भाईचारे के साथ मनाई जाती है. ऐसे में ये परंपरा है कि इस दिन हनुमान जी को पान का बीड़ा चढ़ाया और उसे खाया जाता है, खासतौर से तब, जब दशहरा मंगलवार के दिन होता है.

pan-1

पान खाने का कारण

ऐसी मान्‍यता है कि पान को प्रेम और जीत का प्रतीक माना जाता है. इसके अलावा पान के लिए बीड़ा शब्‍द का भी इस्‍तेमाल किया जाता है, जिसे कर्तव्‍य के रूप में बुराई पर अच्‍छाई की जीत से जोड़कर देखा जाता है. यहीं वजह है कि इस दिन पान का बीड़ा खाया जाता है. हालाकि पान को रावण दहन से पहले ही हनुमान जी को चढ़ाकर उसका सेवन किया जाता है जिससे कि हनुमान जी का आर्शीवाद प्राप्‍त हो सके.      

इसके साथ ही इस समय मौसम में भी बदलाव होने लगता है, जिससे वजह से संक्रामक बीमारियों को खतरा बढ़नें लगता है. ऐसे में पान खाना बेहद ही फायदेमंद माना जाता है. पान को तुलसी के बराबर माना जाता है. वहीं पान खाने से पाचन तंत्र भी दुरुस्त होता है.

पान में होता है देवी-देवताओं का वास

ऐसा माना जाता है कि पान के पत्ते में कई देवी-देवता वास करते हैं. पान के ऊपरी हिस्से में इंद्र देव और शुक्र देव विराजमान है. साथ ही मध्य भाग में सरस्वती मां, बिल्कुल नीचे मां लक्ष्मी विराजमान होती हैं. पान के जुड़े हुए भाग में ज्येष्ठा लक्ष्मी विराजमान रहती हैं.  इतना ही नहीं जो पत्ते के दो हिस्से को एक नली से जोड़ता है वहां पर भगवान शिव और पान के बाएं ओर मां पार्वती और दाएं ओर मां भूमि विराजमान होती है. साथ ही भगवान विष्णु पान में हर क्षेत्र में विराजमान रहते हैं.

Latest News

Maharashtra Day 2025: पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र दिवस की दी बधाई, गौरवशाली इतिहास का किया जिक्र

Maharashtra Day 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को महाराष्ट्र दिवस की बधाई...

More Articles Like This

Exit mobile version