Chile Presidential Election: चिली में राष्ट्रपति चुनाव में होजे एंटोनियो कास्ट ने शानदार जीत हासिल की. उन्होंने केंद्र-वाम गठबंधन सरकार की उम्मीदवार जीनेट जारा को हराया है. उनकी जीत से देश में लंबे समय बाद दक्षिण पंथी सरकार के लिए रास्ता साफ हुआ है.
कास्ट को मिले 58.2 प्रतिशत वोट
कास्ट को 58.2 प्रतिशत वोट मिले. उन्होंने चिली के लोगों से बढ़ते अपराध पर रोक लगाने, गैर कानूनी लाखों प्रवासियो को निर्वासित करने और लैटिन अमेरिका की सुस्त अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के वादा किया. इसके कारण उन्हें अपने प्रतिपक्ष से ज्यादा वोट मिले. वहीं उनके प्रतिद्वंदी और वामपंथी उम्मीदवार को 41.8 प्रतिशत वोट मिले थे.
जारा ने सोशल मीडिया पर लिखा
गैब्रियल बोरिक की सरकार में श्रम मंत्री रह चुकी जारा ने सोशल मीडिया पर लिखा, “लोकतंत्र जोरदार और साफ बात कहता है.” चिली की राजधानी सैंटियागो के डाउनटाउन में एक पब्लिक स्क्वायर पर भाषण के दौरान, उन्होंने कहा कि वे नतीजे से निराश न हों. उन्होंने कहा, “हार से ही हम सबसे ज़्यादा सीखते हैं.”
मतदान खत्म होने के दो घंटे से भी कम समय में कास्ट को विजेता घोषित कर दिया गया. उनके प्रवक्ता, आर्टुरो स्क्वेला ने कहा कि पार्टी “चिली जिस मुश्किल से गुज़र रहा है, उसे संभालने की बड़ी चुनौती एक बड़ी जिम्मेदारी है, जिसे पार्टी गंभीरता से लेगी.”
बड़े बदलाव की मांग करने वाले चिली के लोग अकेले नहीं हैं. कास्ट का चुनाव उन चुनावों की कड़ी में सबसे नया है, जिन्होंने लैटिन अमेरिका में मौजूदा सरकारों को हटा दिया है, अर्जेंटीना से लेकर बोलीविया तक दक्षिण पंथी नेताओं को सत्ता में लाया है, जबकि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वेस्टर्न हेमिस्फ़ेयर में अमेरिकी दबदबा बनाने की कोशिश कर रहे हैं, कई मामलों में दुश्मनों को सजा दे रहे हैं और साथियों को इनाम दे रहे हैं.
ट्रंप प्रशासन ने सबसे पहले कास्ट को उनकी जीत की बधाई दी थी. अमेरिकी राज्य सचिव मार्को रुबियो ने एक बयान में कहा, “उनके लीडरशिप पर हमें भरोसा है वह चिली के नागरिकों की सुरक्षा को मजबूत करने, गैर-कानूनी निर्वासन को खत्म करने और हमारे व्यवसायिक रिश्तों को फिर से मजबूत करने जैसी प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाएगा.”
कास्ट की जीत चिली के लिए एक नए दौर का संकेत
कास्ट की जीत ने चिली के लिए एक नए दौर का संकेत दिया, जो 1990 में जनरल ऑगस्टो पिनोशे की खूनी तानाशाही के बाद देश में लोकतंत्र लौटने के बाद पहले कट्टरपंथी दक्षिणपंथ राष्ट्रपति बने. तबसे दशकों में दक्षिणपंथ और वामपंथ की सेंट्रिस्ट पार्टियों ने ज़्यादातर बारी-बारी से सत्ता संभाली है.
कास्ट एक पक्के कैथोलिक हैं और वे नौ बच्चों के पिता हैं, जिनके जर्मनी में जन्मे पिता एडॉल्फ हिटलर की नाजी पार्टी के पंजीकृत सदस्य थे और उनके भाई ने तानाशाही में मंत्री के तौर पर काम किया था. कास्ट नैतिक रूढ़िवादी विचारधारा के नेता हैं. वह समलंगिक विवाह और गर्भपात का कड़ा विरोध करते हैं. इसी कारण वह अपने पिछले दो चुनावों को हार गए थे.

