Cannes Film Festival 2025: विश्व प्रसिद्ध ईरानी फिल्मकार जफर पनाही ने अपनी फिल्म ‘इट वाज जस्ट ऐन एक्सीडेंट’ के लिए 78वें कान फिल्म फेस्टिवल का सबसे बड़ा पुरस्कार ‘पाल्मा डोर’ जीत लिया. कान के ग्रैंड थियेटर लूमिएर में 78वें कान फिल्म फेस्टिवल के समापन समारोह में बालीवुड की मशहूर अभिनेत्री निकोल किडमैन ने जूरी की अध्यक्ष जुलिएट बिनोश के साथ जफर पनाही को बेस्ट फिल्म का ‘पाल्मा डोर’ पुरस्कार से सम्मानित किया.
जब जुलिएट बिनोश ने इस पुरस्कार के लिए जफर पनाही का नाम घोषित किया तो कुछ देर वे अपनी सीट पर ही ठिठके रहे. बाद में उन्होंने कहा कि’ मैं यहां अकेले कैसे खुश हो सकता हूं जबकि मेरे देश ईरान में मेरे कई साथी फिल्मकार और कलाकार जेल में बंद हैं और कई लोगों को फिल्में बनाने से रोक दिया गया है.” जफर पनाही भी जेल से हाल ही में रिहा हुए हैं. उन्हें 2010 में छह साल की सजा सुनाई गई थी और बीस साल तक उन्हें फिल्म बनाने से प्रतिबंधित कर दिया गया था. वे वर्षों तक तेहरान में हाऊस अरेस्ट में रहे.
हजारों दर्शकों ने ताली बजाकर किया खुशी का इजहार
पाल्मा डोर पुरस्कार के लिए जब जफर पनाही का नाम पुकारा गया तो ग्रैंड थियेटर लूमिएर में करीब साढ़े तीन हजार दर्शकों ने खड़े होकर देर तक ताली बजाकर खुशी का इजहार किया. जूरी की अध्यक्ष जुलिएट बिनोश ने कहा कि जफर पनाही अपने देश ( ईरान) में मानवीय गरिमा और आजादी के लिए तानाशाही और धार्मिक कट्टरवाद के खिलाफ लंबें समय से संघर्ष कर रहे हैं. यह फिल्म तेहरान में एक रात की कहानी है जिसमें एक साधारण कार दुर्घटना के बाद एक के बाद एक कई दिलचस्प घटनाएं घटती चली जाती है. इसमें प्रतिशोध से शुरू होकर क्षमा और करूणा तक की यात्रा है और हत्या की नैतिकता पर बहस भी.
इस पुरस्कार से मुझे बहुत खुशी हो रही: जफर पनाही
पुरस्कार जीतने के बाद कान फिल्म फेस्टिवल के आधिकारिक प्रेस कांफ्रेंस में जफर पनाही ने कहा कि इस पुरस्कार से मुझे बहुत बड़ी खुशी हो रही है पर कुछ देर के लिए मैं उन साथी फिल्मकारों की यादों में खो गया, एक एक कर उनके चेहरे मेरे सामने आने लगे जो मेरे साथ जेल में थे और अभी भी जेल में बंद हैं. मैं यह पुरस्कार अपनी उस ईरानी जनता को समर्पित करता हूं जो जान की बाजी लगाकर आजादी के लिए संघर्ष कर रही है.”
एक समय था जब ईरानी सिनेमा को कोई जानता न था
उन्होंने कहा कि एक समय था जब ईरानी सिनेमा को कोई नहीं जानता था. आज ईरानी सिनेमा की सारी दुनिया में एक खास पहचान है. यह पहचान बनाने में बहुत सारे ईरानी फिल्मकारों का योगदान जिनके कारण हम यहां पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि हम फिल्म बनाने में जिंदगी लगा देते हैं और पैसे की हमेशा समस्या रहती है क्योंकि हम हर किसी से पैसा नहीं ले सकते. कारण कि यदि पैसा लगाने वाले में अच्छे सिनेमा की समझ नहीं हुई तो वह फिल्म को बर्बाद कर देगा.
जेल से रिहा होने के बाद जफर पनाही की पहली फिल्म
उन्होंने कहा कि आज हर देश में हिंसा, युद्ध और तानाशाही की समस्त है. हम सिनेमा के माध्यम से उम्मीद करते हैं कि एक दिन सब कुछ ठीक हो जाएगा, शांति कायम होगी और सबको न्याय मिलेगा. उन्होंने ग्रैंड थियेटर लूमिएर के मंच पर और प्रेस कांफ्रेंस में ईरान की राष्ट्रभाषा फारसी में अपनी बात कहीं जिसका पहले फ्रेंच में और फ्रेंच से अंग्रेजी में अनुवाद किया गया. जेल से रिहा (2022) होने के बाद जफर पनाही की यह पहली फिल्म है. हालांकि, कहा जा रहा है कि उन्होंने बिना ईरानी सरकार की अनुमति के यह फिल्म बनाई और इस फिल्म में औरतों को बिना हिजाब पहने दिखाया गया है. यह एक तरह से सरकारी हिजाब कानून का सिनेमाई प्रतिरोध है. इस मुद्दे पर अभी हाल ही में ईरान में एक बड़ा आंदोलन हो चुका है. कान फिल्म फेस्टिवल में पाल्मा डोर पुरस्कार जीतने के बाद जफर पनाही दुनिया के चौथे ऐसे फिल्मकार बन गए हैं जिन्हें सभी बड़े फिल्म समारोहों में बेस्ट फिल्म का पुरस्कार मिल चुका है. उन्हें बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म समारोह में टैक्सी (2015) फिल्म के लिए बेस्ट फिल्म का गोल्डन बीयर अवार्ड और वेनिस इंटरनेशनल फिल्म समारोह में ‘द सर्किल’ ( 2000) फिल्म के लिए ‘गोल्डन लॉयन’ अवार्ड मिल चुका है.
दूसरा सबसे बड़ा पुरस्कार ‘ग्रैंड प्रिक्स’ किसे मिला?
कान फिल्म फेस्टिवल का दूसरा सबसे बड़ा पुरस्कार ‘ग्रैंड प्रिक्स’ डेनमार्क के जोचिम ट्रीयर को उनकी फिल्म ‘सेंटीमेंटल वैल्यू’ के लिए प्रदान किया गया. बेस्ट डायरेक्टर का पुरस्कार ब्राजील के क्लेबेर मेंडोंका फिलहो को उनकी फिल्म ‘द सेक्रेट एजेंट’ फिल्म के लिए दिया गया. इसी फिल्म में उत्कृष्ट अभिनय के लिए वागनर मौरा को बेस्ट अभिनेता का पुरस्कार मिला. जूरी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह सवाल उठा कि एक ही फिल्म को दो दो पुरस्कार क्यों दिए गए जो कि आमतौर पर कान फिल्म फेस्टिवल में नहीं होता है. बेस्ट अभिनेत्री का पुरस्कार फ्रांस की हाफ्सिया हेरजी की फिल्म ‘द लिटिल सिस्टर’ में उत्कृष्ट अभिनय के लिए नाडिया मेलिटी को मिला. बेस्ट पटकथा का पुरस्कार ‘यंग मदर्स’ फिल्म के लिए इसके लेखक निर्देशक बेल्जियम के ज्यां पियरे डारडेन और लूक डारडेन (डारडेन ब्रदर्स) को दिया गया. कान फिल्म फेस्टिवल में अब तक उन्हें नौ बार पुरस्कार मिल चुका है.
फिल्म ‘साउंड आफ फालिंग’ के लिए जूरी प्राइज
जूरी प्राइज इस बार संयुक्त रूप से फ्रांस के ओलिवर लेज की स्पेनिश फिल्म ‘सीराट’ और जर्मनी की माशा शिलिंस्की को उनकी फिल्म ‘साउंड आफ फालिंग’ के लिए मिला. इसके अलावा जूरी ने एक स्पेशल पुरस्कार चीन के बी गान को उनकी विज्ञान फंतासी फिल्म’ रिसरेक्शन के लिए प्रदान किया. इस पर भी जूरी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल उठा तो जूरी की अध्यक्ष जुलिएट बिनोश का कहना था कि यह फैसला सर्वसम्मति से हुआ है क्योंकि यह एक विलक्षण फिल्म है. यह एक कविता की तरह है जो आपको सपने देखने के लिए आमंत्रित करती है.
शॉर्ट फिल्म का पाल्मा डोर इराक के तौफीक बारहोम को उनकी फिल्म ‘आई एम ग्लैड यू आर डेड नाऊ’ के लिए दिया गया. कान फिल्म फेस्टिवल के इतिहास में किसी इराकी फिल्मकार को दिया गया यह पहला पुरस्कार है. इसी तरह बांग्लादेश के अदनान अल राजीव को उनकी फिल्म ‘अली’ के लिए जूरी का स्पेशल मेंशन पुरस्कार मिला जो किसी भी बांग्लादेशी फिल्मकार को कान फिल्म फेस्टिवल में पहली बार मिला.
पहली फिल्म के लिए दिया जानेवाला पुरस्कार कैमरा डि ओर इस बार ‘द प्रेसिडेंट केक’ के लिए हसन हादी को मिला. यह फिल्म डायरेक्ट फोर्टनाइट खंड में दिखाई गई थी जो कान फिल्म फेस्टिवल की साइडबार गतिविधि है.