New Delhi: एंटीबायोटिक दवाओं का असंयमित और बार-बार इस्तेमाल शरीर में एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस बढ़ा रहा है, जो आने वाले समय में एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बन सकती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एंटीबायोटिक्स दवाओं को लेकर दुनिया को सावधान किया है. WHO की रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में हर छह में से एक बैक्टीरियल संक्रमण एंटीबायोटिक्स के प्रति प्रतिरोधी था. यानी यह संक्रमण दवाओं से भी ठीक नहीं हो पा रहे हैं.
तुरंत सावधानी और सही उपाय अपनाने की जरूरत
एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) यानी दवाओं के प्रति प्रतिरोध बढ़ना गंभीर स्वास्थ्य संकट पैदा कर रहा है और इसे रोकने के लिए तुरंत सावधानी और सही उपाय अपनाने की जरूरत है. AMR तब होता है जब बैक्टीरिया विकसित होते हैं और उन्हें मारने के लिए बनाई गई दवाओं पर प्रतिक्रिया करना बंद कर देते हैं. इससे सामान्य संक्रमणों का इलाज मुश्किल हो जाता है. WHO ने चेतावनी दी है कि अगर AMR पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो भविष्य में साधारण संक्रमण भी खतरनाक साबित हो सकते हैं.
जीवाणु संक्रमणों के आंकड़ों पर आधारित है यह रिपोर्ट
WHO की वैश्विक एंटीबायोटिक प्रतिरोध निगरानी (ग्लास) रिपोर्ट के अनुसार यह समस्या भारत जैसे निम्न और मध्यम आय वाले खासकर कमजोर स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों वाले देशों में सबसे तेज़ी से बढ़ रही है. यह रिपोर्ट 100 से ज़्यादा देशों में 2.3 करोड़ से ज़्यादा जीवाणु संक्रमणों के आंकड़ों पर आधारित है. 2018 और 2023 के बीच 40% से ज़्यादा एंटीबायोटिक दवाओं ने रक्त, मूत्र मार्ग, आंत और प्रजनन प्रणाली को प्रभावित करने वाले सामान्य संक्रमणों के खिलाफ अपनी प्रभावशीलता खो दी.
हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं कुछ साइड इफेक्ट्स
एंटीबायोटिक्स जीवन रक्षक दवाएं हैं लेकिन इनके इस्तेमाल से कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं. ये हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं. जैसे दस्त कब्ज मिचली या उल्टी पेट में गैस और पेट दर्द भी आम बात है. त्वचा पर दाने, खुजली, सूजन व गंभीर मामलों में एनेफाइलेक्टिक शॉक भी हो सकता है. कुछ एंटीबायोटिक्स लिवर और किडनी पर दबाव डाल सकते हैं. लंबे समय तक इस्तेमाल से नुकसान हो सकता है. दवाओं का गलत या अनियंत्रित इस्तेमाल बैक्टीरिया को प्रतिरोधी बना सकता है. आंत में प्राकृतिक बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ सकता है.
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