Bharat Express के CMD उपेंद्र राय ने बताई ब्रांड की कुंजी, BW मार्केटिंग फेस्टिवल को किया संबोधित

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
दिल्ली में आयोजित तीसरे फेस्टिवल ऑफ मार्केटिंग में मार्केटिंग और ब्रांडिंग की नई रणनीतियों पर चर्चा की गई. इस साल की थीम ‘Marketing Conversations that Drive Business Outcomes’ यानी ऐसा संवाद जो बिजनेस को सीधे नतीजों तक पहुंचाए. फेस्टिवल में डिजिटल मार्केटिंग, एआई-ड्रिवन ब्रांडिंग, कस्टमर एंगेजमेंट और डेटा-ड्रिवन डिसीजन मेकिंग जैसे टॉपिक्स पर सत्र आयोजित किए गए. इस कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए भारत एक्सप्रेस के सीएमडी और वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र राय पहुंचे. उन्होंने अपनी यात्रा और ब्रांड के बारे में बताया. इसके साथ ही देश-विदेश के 100 से अधिक मार्केटिंग सी जुड़ी हस्तियां भी इस कार्यक्रम में पहुंचीं.
इस कार्यक्रम में देश-विदेश के 100 से अधिक मार्केटिंग लीडर्स, ब्रांड स्ट्रेटेजिस्ट्स और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स शामिल हुए. इसका मकसद रहा कि मार्केटिंग कन्वर्सेशन यानी संवाद के जरिए बिजनेस आउटकम्स को आगे बढ़ाया जाए. कार्यक्रम का मीडिया पार्टनर भारत एक्सप्रेस रहा.

एक ही सफलता ब्रांड बनती है- उपेंद्र राय

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारत एक्सप्रेस के सीएमडी और वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र राय ने कहा कि कहा कि मेरे जीवन पर सहाराश्री की कई बातें गहरा प्रभाव छोड़ गई हैं. मैंने उनके साथ 18 साल काम किया. ब्रांड के तौर पर सहारा समूह 17 करोड जमाकर्ता रहें. जोकि स्टेट बैंक के बाद सबसे ज्यादा थीं. भारत एक्सप्रेस लांच करने का ख्याल मेरे मन में 2022 में सहारा छोड़ने का ख्याल आया. तब सहाराश्री ने मुझ से कहा कि कहीं भी जाओगे तो मुश्किल होंगी. फिर हमने अपना चैनल शुरू करके पहले ही साल फायदे पर रखा. बहुत जल्द हम 3 साल पूरा करने के बाद बार्क में जायेंगे.
अब मैं ब्रांड की बात पर आता हूं, छोटे पर हमने मैंगो माजा का विज्ञापन देखा. अगर किसी भी बच्चे के सामने कोई ब्रांडेड सामान रखा जाये और वह बात आपको कन्वेन्स करें इसका मतलब ब्रांड सफल है. इसी तरह यदि कोई ब्रांड आपको प्रभावित ना कर पाए इसका मतलब वह ब्रांड नहीं बना पाया. कुछ लोगों के जीवन से प्रेणना मिलती है. जिसमें मस्क का नाम आता है. जों रिस्क लेगा वह ब्रांड बनेगा. मतलब साफ है कि सफलता एक ही होती है, जों जीवन को पार लगाती है और वही ब्रांड बनती है.

ब्रांड के तौर पर ज्ञान पर आचार्य रजनीश ओशो नें सबसे ज्यादा काम किया. बुद्ध ने इस दुनियां को बहुत सारी कलाये दी हैं. जिसे हमें आना चाहिए. भारत बहुत पीछे छूट गया है विश्व के प्रगति की दौड़ में. भारत में मौको की कमी है, जबकि दुसरे देशों में बहुत मौके है.
अगले तीन सालों में दुनियां बदलने वाली है. आज लीड लेने में चीन औऱ अमेरिका आगे है. भारत काफ़ी पिछड़ गया है. 1995 में जब मोबाइल आया तो हम एयर का पैसा देने लगे. आज चैट GPT से लोग लम्बा लम्बा मेल औऱ msg करने लगे है. अब दुनियां बदलने जा रही है. अब AI के जरिये सेकंड में घंटो वाले हो रहे हैं. ऐसे में हमें इसी रफ्तार से बढ़ना होगा. हमें चांन्स भी लेना होगा.

क्या बोले मार्केटिंग के दिग्गज?

एक्सपर्ट्स का कहना था कि मार्केटिंग अब सिर्फ विज्ञापन तक सीमित नहीं है. बल्कि ब्रांड और ग्राहकों के बीच लगातार संवाद से ही सफलता तय होगी. स्टार्टअप्स से लेकर बड़े कॉर्पोरेट्स तक, सभी ने अपने अनुभव और केस स्टडीज साझा किए.
Effie Lions foundation के शुभांशु सिंह (Global board member) का कहना है कि आईटी के बढ़ते प्रभाव और सोशल मीडिया से अब मार्केटिंग अछूती नहीं रह गई है. ऐसे में डिजिटल मार्किटिंग का दायरा बढ़ गया है.
JSW steels के तरुण झा ने कहा कि JSW स्टील्स के भारत की संस्कृति और विरासत को समझते हुए मार्केटिंग के फार्मूले को अपनाना चाहिए. उन्होंने कहा भारत में मार्केटिंग करने का ट्रेड ही अलग है. इसके लिए भारत की अनेकता में एकता के फार्मूले को समझना होगा.
LT फूड्स लिमिटेड के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर, गणपति के सुब्रमण्यम का कहना है कि ब्रांड के एक्सेप्टेंस बदलेंगे. कस्टमर से लगातार संपर्क में रहना होगा. डिमांड के हिसाब से प्रोडक्ट में बदलाव करना होगा. बदलाव को पहले से भाप कर ब्रांड में गुणवत्ता लानी होगी.

मार्केटिंग की असली ताकत संवाद

तीसरे फेस्टिवल ऑफ मार्केटिंग ने यह साफ़ कर दिया है कि आने वाले वक्त में मार्केटिंग की असली ताकत संवाद ही रहने वाला है. यानी ब्रांड सिर्फ बोलें ही नहीं, बल्कि ग्राहकों को सुनें भी और उसी आधार पर बिजनेस रणनीतियां बनाएं.
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