भगवान की कृपा के बिना नहीं हो सकता मानव का कल्याण: दिव्य मोरारी बापू

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान श्री राम की बाललीला में जातकर्म संस्कार, नामकरण संस्कार, गृहनिष्कर्मण संस्कार, अन्नप्राशन संस्कार, चूड़ाकरण संस्कार, यज्ञोपवीत संस्कार, विद्या अध्ययन संस्कार का वर्णन किया गया। भारतीय संस्कृति में सोलह संस्कारों का वर्णन किया गया है। बालक का जन्म होता है इसके पहले से संस्कार प्रारम्भ हो जाते हैं।
व्यक्ति जन्मजात महान नहीं होता, माता-पिता के द्वारा दिए गए संस्कारों से वह महान बनता है। बच्चों की सबसे पहली पाठशाला उनका घर है। घर परिवार से वे बहुत कुछ सीखते हैं। फिर समाज और शिक्षण संस्थाओं से उन्हें शिक्षा मिलती है।
नास्ति गंगा समं तीर्थं, नास्ति मातृ समो गुरुः।।
वंदउँ प्रथम गुरु पितु माता।
जो एहि नर तन केरि विधाता।।
बच्चे परिवार और समाज से देखकर बहुत कुछ सीखते हैं। अतः परिवार और समाज को बहुत सावधान रहना चाहिए कि बच्चों में कोई गलत संस्कार न आने पावे। वकील की भूल फाइलों में दब जाती है। चिकित्सक की भूल श्मशान में दब जाती है लेकिन माता-पिता,परिवार और समाज जो बच्चों में संस्कार देने में भूल करते हैं, वह भूल कहीं छुपने वाली नहीं है।दस वर्ष बाद समाज में प्रगट रूप से दिखाई पड़ने वाली है। फिर समाज के लोग बहुत हैरान रहते हैं कि हमारे बच्चों में ऐसी बुराई कैसे आ गई।
परिवार,समाज,शिक्षण संस्थाओं  की जिम्मेदारी है कि बच्चों में अच्छे संस्कार आवें।बच्चे समाज के भविष्य हैं। प्रहरी बनकर भगवान श्रीराम श्रीविश्वामित्रजी महाराज के यज्ञ की रक्षा करते हैं। आध्यात्मिक दृष्टि से हम सबका जीवन भी एक यज्ञ है। जैसे विश्वामित्र जी के यज्ञ में ताड़का, मारीच, सुबाहु बाधा पहुंचाने वाले थे।
हमारे आपके जीवन में राग-द्वेष और बुराइयां जीवन यज्ञ को निष्फल बनाना चाहती है। लेकिन जब हम भगवान का आश्रय लेते हैं तो भगवान हमारे जीवन यज्ञ को सफल बनाते हैं। मानव का कल्याण भगवान की कृपा के बिना नहीं हो सकता। अहिल्या माता महान थी लेकिन उन्हें श्राप लगा, पत्थर की शिला बनना पड़ा, उनका कल्याण तब हुआ। जब उन्होंने भगवान की शरणागति ली।
कल की कथा में नगर दर्शन लीला, पुष्प वाटिका प्रसंग, धनुषयज्ञ, परशुराम संवाद एवं श्रीसीतारामजी के विवाह की कथा होगी। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना।
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